Uttarakhand / Pokhri : अल्मोड़ा की घटना के बाद अब दूसरी घटना नागनाथ पोखरी से
Nagnath / Pokhari, Amit Kumar
अभी अल्मोड़ा जिले में प्रेमी को गांव वालों द्वारा पीट पीट कर हत्या करने का मामला शांत भी नहीं हुआ है कि इधर चमोली जिले के नागनाथ पोखरी से एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला प्रकाश में आ रहा है जहां प्रेमिका को मिलने गए एक युवक को लड़की पक्ष द्वारा आग के हवाले किया गया जिसकी देहरादून अस्पताल में मौत हो गई । मामले में एफ आई आर दर्ज हो गई है । अब राजस्व पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
पहले अल्मोड़ा और अब नागनाथ पोखरी की घटना जहां पर प्रेमी युवक अमित कुमार को पहले लड़की अपने घर बुलाती हैं फिर घर वाले युवक को मार देते हैं। यह घटना पहाड़ों में क्यों हो रही हैं इस के पीछे बहुत बड़ी लालच हैं। कुछ वर्ष पूर्व से इसी तरह की घटनाएं हो रही हैं। मरने वाले युवकों की उम्र 25 से कम प्रेमी युवती की उम्र 18 के लगभग की हैं। इस विषय पर मैंने 7 वर्ष का एक डेटा निकाला हैं जिस में कुछ चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
मैं करीब 100 युवकों व युवतियों से इस विषय पर बात कर चुका हूँ, सब प्रेम लीला में प्रेमचंद बने हैं। आंकड़े बताते हैं 7 वर्ष की सभी घटनताओं में सिर्फ युवक ही मारा गया और वह युवक प्राइवेट नौकरी करता था। सरकारी नौकरी वाला कोई नही था। सरकारी दामाद को सभी से स्वीकार किया हैं। सभी मामलों में युवक को मारने वालों में युवती के घर वाले शामिल थे। यहाँ युवक की होरर किलिंग की वजह के अनेकों कारण हो सकते हैं किंतु मुख्य कारण यह हैं कि युवक की नौकरी अच्छी नही थी, जिस से लड़की के घर वाले आपा खो बैठते है।
आजकल घर गाँव बाजारों में प्रेमी जोड़ों का घूमना आम बात हो गई है। 80% लड़के लड़कियाँ किसी न किसी के प्रेम में रहती हैं, जबकि यह 10-12 वर्ष पहले तक बहुत कम था। आज ऐसा नही हैं लड़का सरकारी नोकरी लगते ही रिजर्व हो जाता हैं इस में लड़की के घर वाले व लड़के के घर वाले कुछ नही कहते उन का हस्तक्षेप खत्म हो जाता हैं, चाहे शादी इंटरकास्ट हो या अपरकास्ट, लोअरकास्ट इस से फर्क नही पड़ेगा।
पिछले 5 वर्षों में हुई शादियों में आप को प्रत्येक गाँव में ऐसे युगल मिलेंगे जिनकी मन पसन्द (लवमैरिज) हुई हैं। हाल के दिनों में भी ऐसे शादी हो रही हैं। लवमैरिज करने वालों में सरकारी नौकरी वाले युवा अधिक पाये जाते हैं। प्राइवेट नौकरी वालों के लिए लड़की खोजना भूसे में सुई खोजने जैसा हो रखा हैं। अब जमाना यह आ चुका हैं कि लड़के वाले दहेज देने को तैयार हैं किंतु लड़की नही मिल रही हैं। पहाड़ों में गंगा ने रुख बदल दिया हैं, पहले लड़की जलाई जाती थी अब लड़के जल रहे हैं दोनों ही जघन्य अपराध हैं। किसी के जीवन के साथ किसी की भावनाओं से खेलना जान से मारना कहीं से मानवता नही हैं। प्रेम का बुखार शहरों से गाँव आ चुका हैं। जिसके मुख्य कारणों में सोशल मीडिया की मुख्य भूमिका दिखती हैं। टेलीविजन के जमाने में यह इतना भयानक नही था किंतु आज प्रेम विकराल रूप ले रहा हैं। प्रेम लोभ में परिवर्तित हो चुका हैं। प्रेम का मतलब खुद के जीवन प्रोटेक्शन (पैसा) तक सीमित हो चुका हैं यदि प्रेमी पैसे वाला हैं तो हर बंधन तोड़ देंगे और यदि प्रेम का लाइफ प्रोटेक्शन नही तो सामूहिक तौर पर प्रेमी को मौत दे दी जाएगी। जिसमें युवती भी अपने बात से पलट जाती हैं युवती यह दबाव में करती हैं इसे भी हम प्रेम का छलावा ही कहेंगे।
हर माँ बाप को अधिकार है वह अपनी बेटी बेटा के लिए बेहतर घर खोजे दुनिया का सबसे पैसे वाला लड़का खोजे किंतु किसी के औलाद को मार कर इस समस्या की पूर्ति नही होगी। किसी के घर का चिराग बुझाकर आप अपने घर की समस्या खत्म नही कर सकते हो। अपनी बेटी पर भी लगाम लगाए अपनी औलाद को भी समझाए। बेटी जैसे ही बड़ी होती है वैसे ही उसे समझा दीजिये की प्रेम कैसे लड़के से करना हैं। और लड़कों से भी आग्रह हैं प्रेम की पहली शर्त पूछ लेना। लड़की से सच्चा प्रेम करते हो तो उन के घर वालों की रजामंदी भी जाने। सब को अधिकार हैं खुश रहने का सब लड़की वाले चाहते हैं उन का राजकुमार सफेद घोड़े पर आए किंतु सफेद कफ़न पर लिपट कर जाए ऐसा गलत हैं। हूर नूर सब को चाहिए किंतु कीमत जान नही होनी चाहिए, पैसा नाम काम सब को चाहिए किंतु जान किसी की नही जानी चाहिए। प्रेम की असल वजह पहले ही जान लीजिए। माता पिता अपने बच्चों के दोस्त बने उन भावना समझे उन का निवारण करे। अन्यथा कोई घर सुखी नही रहेगा। बेटी के लिए राजकुमार खोजने वाले बेटे के बारे मेम भी सोचे। तुम्हारा भी बेटा हैं इस के बारे में जरूर सोचे।
देवेश आदमी