News Cubic Studio

Truth and Reality

Uttar Pradesh / Kanpur : तीन दिन भटकने के बाद भी नहीं किया भर्ती,निजी डॉक्टर को किया रेफरमुख्यमंत्री की फटकार के बाद भी हैलट अस्पताल की हालत में नहीं हुआ सुधार   

मुख्यमंत्री की फटकार व कमिश्नर के निर्देश के बाद भी मरीजों को इलाज के लिए हैलट में दर -दर की ठोंकरें खानी पड़ रही है। हैलट अस्पताल की हालत बीमार मरीजों जैसी है। बस फर्क इतना है कि,यहां दूरदराज से इलाज की आस लेकर तीमारदार अपने मरीज को लेकर आता है,लेकिन धरती के भगवान कहे जाने वाले डाँक्टर मानवीय संवेदनाओं की तिलांजलि देने से बाज नहीं आते। हैलट में मरीजों को टरकाने के बाद अब डॉक्टरों ने एक नया तरीका खोज निकाला है। यहां मरीजों को निजी अस्पताल या निजी डाँक्टर के पास इलाज के लिए भेजा जा रहा है। मंगलवार को फतेहपुर के रहने वाले राधेलाल को तीन दिन भटकने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने इलाज न होने के लिए निजी डॉक्टर के पास रेफर कर दिया। इलाज के लिए साथ लेकर आए भाई शिवकरन ने बताया कि उनके भाई को गले में संक्रमण है और खाने पीने में दिक्क्त हो रही है। लगातार तीन दिन से इलाज के लिए हैलट अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। रोज कहा जाता था कि डॉक्टर साहब आएंगे तब इलाज मिलेगा। आज एक जूनियर डॉक्टर ने परेशानी पूछी उसके जांचे लिखकर बोला कि यह जांचे बाहर से करा लो और एक डॉक्टर का नाम बताकर बोले कि,इनको दिखा लो,यहां इलाज नहीं हो पाएगा। इलाज न मिलने से बेबस तीमारदार बोला कि साहब इतना ही पैसा होता तो पहले ही बाहर दिखा लेते। अब घर ले जा रहे हैं भाई मरे या जिए हम कुछ नहीं कर सकते।
आंत फटी तो इलाज करने के बजाय किया लखनऊ रेफर
दिल्ली के रहने वाले 17 साल के माधव, रायबरेली अपनी मौसी के घर एक वैवाहिक कार्यक्रम में आए थे। हैलट में मंगलवार को इलाज को लेकर आए पिता बृजलाल ने बताया कि पेट में दर्द हुआ तो रायबरेली के जिला अस्पताल में आंत फटने की पुष्टि हुई और हैलट रेफर कर दिया। यहां लेकर आए तो डॉक्टर बोले कि यहां इलाज नहीं हो पाएगा लखनऊ केजीएमयू या पीजीआई ले जाओ। इलाज न मिलने से बहन कीर्ति रोने लगी और कहा कि कोई डॉक्टर इलाज नहीं कर रहा,भाई की हालत बिगड़ती जा रही है। डाँक्टर की संवेदनहीनता देख निराश परिजन माधव को लेकर यहां से चले गए।
बर्रा निवासी गीता चौहान को सांस लेने में परेशानी की शिकायत है। पति राज चौहान ने बताया कि किदवई नगर, बर्रा और साकेत नगर के निजी अस्पतालों में इलाज को लेकर गए थे। लेकिन सब जगह निराशा ही हाथ लगी। हैलट पहुंचने पर इनको भर्ती करके जांचे कराई गई और उपचार शुरु किया गया।