Uttar Pradesh : किसानों ने खेतों में लहराये काले झंडेप्रधानमंत्री का जगह जगह फूंका पुतला
तीन कृषि कानूनों को खत्म किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली बार्डर पर चल रहे आंदोलन के समर्थम में बुधवार को किसानों ने सरकार के खिलाफ नायाब तरीके से प्रदर्शन किया। किसानों के प्रस्तावित आंदोलन के मद्देजनर जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये थे। हाइवे और एक्सप्रेस वे का सुचारू रखने के लिए पुलिस प्रवेश मार्गों पर पुलिस बल तैनात किया गया था। हालांकि किसानों ने कोरोना महामारी के चलते सामूहिक प्रदर्शन करने से परहेज किया। सभा और पंचायतों का भी आयोजन नहीं किया। बावजूद इसके सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए किसानों ने नायाब तरीका अपनाया। खेतों में किसानों ने काले झंडे लहरा कर कृषि कानूनों के विरोध में अपना मत जाहिर किया। किसान संगठनों से जुडे पदाधिकारियों के नेतृत्व में कई जगह प्रधानमंत्री का पुतला भी फूका गया। मांट के जाबरा गांव में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के आगरा मंडल उपाध्यक्ष गजेन्द्र गावर ने किसानों के साथ प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया। मंडलअध्यक्ष ने कहाकि सरकार नहीं मानी तो किसानों का अब तक का यह सबसे लम्बा किसान आंदोलन होगा। तहसीलदार मांट राकेश सोनी को किसानांे ने एक ज्ञापन भी दिया। प्रदर्शन करने वालों में अजय कुमार, सुभाष, मोटू, गनेशी लाल, राजवीर सिंह, शंकर लाल, बसंत लाल आदि मौजूद रहे। इस दौरान बडी संख्या में पुसिलकर्मी मौजूद रहे। बल्देव ब्लाॅक के गांव गडशोली में भाकियू के कैम्प कार्यालय पर किसान आंदोलन को छह महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जिला अध्यक्ष राजकुमार तोमर के नेतृत्व में काला दिवस मनाया गया।
शहर से भी मिला किसानों को समर्थन
महानगर के अमरनाथ रोड, चैबिया पाड़ा आदि क्षेत्रों में भारतीय किसान यूनियन ने प्रदर्शन किया। महानगर अध्यक्ष पवन चतुर्वेदी ने कहा कृषि विरोधी काले कानूनों के विरोध में देश का अन्नदाता छह माह से दिल्ली के बॉर्डरो पर धरना दे रहे हैं। सरकार किसानों की सुनने को तैयार नहीं है। प्रदर्शन में शहर अध्यक्ष मुजाहिद कुरैशी, युवा शहर अध्यक्ष चिराग उद्दीन कुरैशी, शहर उपाध्यक्ष तनवीर कुरेशी, असलम कुरेशी, कैम्प कुरेशी, फैजान कुरैशी आदि मौजूद थे।
आधा दर्जन स्थानों पर पुलिस बल रहा तैनात
किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोकने को जिले की सीमा और किसानों के एकत्र होने के संभावित स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा को आधा दर्जन थानों का फोर्स निगरानी में लगाया गया है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोकने को जिले की सीमा और किसानों के एकत्र होने के संभावित स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है।