Uttarakhand / Almora : मिशन हौसला के अलावा एक और रूप भी दिखाया अल्मोड़ा पुलिस ने, मिन्नते करता रहा दीपक पुलिस ने काट दिया 16500 रूपये का चालान, युवक ने चितई मंदिर में लगाई न्याय की गुहार
अल्मोड़ा: इस कोरोनाकाल मे उत्तराखंड पुलिस लगातार अपनी छवि सुधारने मे लगी हुई है, जहां एक ओर पूरे प्रदेश मे पुलिस जरूरतमन्द कि मद्द करती नजर आ रही है वही अल्मोड़ा का ये पीड़ादायी वाक्या भी सामने आया है। चितई निवासी एक युवक ने अल्मोड़ा पुलिस पर अकारण 16500 रूपये के चालान का आरोप लगाया है साथ ही चितई के ग्वेल देवता मंदिर में भी न्याय की गुहार लगाते हुए चिठ्ठी टांगी है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक में की गई पोस्ट में दीपक सिराड़ी ने कहा कि वह गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है और मैं एक होटल में बर्तन मांजकर परिवार की आजीविका चलाता है। होटल में उसे मात्र 2500 रुपए प्रति महीने तनख्वाह के रूप में मिलते हैं और कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों ने उसका व्यवसाय भी छीन लिया है और इस लॉकडाउन से वह बहुत ज्यादा तनाव में है और लॉकडाउन के कारण वह अपने परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ हो गया है। कहा कि कल 25 मई की सुबह से ही उसकी तबीयत कुछ खराब लग रही थी और उसके बाद उसने अपने पड़ोस के एक साथी से उसकी बाईक मांगी और अल्मोड़ा चिकित्सालय में खुद को दिखाने चला गया और कुछ देर बाद उसके घर से फोन आया कि पड़ोस में आमा का स्वास्थ्य अचानक से खराब हो चला है और उससे प्रकाश मेडिकल स्टोर से दवा लेके जल्दी घर आने को कहा गया।
दीपक ने कहा कि इसके बाद उसे जल्दी में बाईक लेकर वह दवा लेकर घर की ओर आने लगा। उसने कहा कि इस जल्दबाजी में हेलमेट ना पहनने की भूल हो गई। उसने आरोप लगाया कि इसी बीच होटल शिखर के पास उसे पुलिस कर्मियों ने बुरी तरह जलील करते हुए इस तरह से घसीटा गया जैसे कि वह बहुत बड़ा अपराधी हो। दीपक ने आरोप लगाया कि उसने पुलिसकर्मियों के आगे हाथ जोड़ते हुए बार बार गुहार लगाई कि उसे छोड़ दो।
उसने बताया कि इसके बाद बाईक को सीज कर दिया गया और साथ ही इतनी सारी धारायें लगाई गई कि वह खुद देखकर हैरान रह गया। आरोप लगाया कि इनमे से कई धारायें ऐसी थी जो कि बिलकुल बेबुनियाद थी और उसने उन धाराओं का उल्लंघन भी नहीं किया था, परन्तु पुलिस प्रशासन द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए उसके साथ गलत व्यवहार करने के बाद बाईक को सीज कर दिया गया। दीपक ने कहा हि विह सभी से हाथ जोड़ कर न्याय की गुहार लगा रहा है और वह और उसकी मॉ दोनो इस घटना के कारण तनाव में है और गाड़ी छुड़ाने के लिये किया गया जुर्माना वह नही चुका सकता है।
इधर इस मामले में पूछे जाने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार भट्ट ने बताया कि यह घटना उनके संज्ञान में आई है और युवक कई तरह के आरोप लगा रहा है जिसकी जांच के लिये उन्होनें सीओ को निर्देशित कर दिया है। उन्होने बताया कि आरोप लगाने वाले युवक दीपक सिराड़ी के पास वाहन के रजिस्ट्रेशन के कागज ही नही थे उसके अलावा कई कागज, हैलमेट आदि मौजूद नही थे और नियमानुसार ही चालान काटा गया है। कहा कि नियमत: अगर युवक अगर 24 घंटे के भीतर चालान के अनुसार कागज उपलब्ध करा देगा उसी अनुसार जुर्माने की रकम भी कम हो जायेगी। उन्होंने कहा कि युवक द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच कराई जा रही है और पुलिस उपाधीक्षक मातवर सिंह रावत को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
✍🏻 राजकुमार सिंह परिहार