Himachal Pradesh / Solan : फलदार वृक्षों पर वन माफियाओं का चला आरा
भले ही हरे पेड़ों की कटान का मामला शासन तक हो लेकिन जिम्मेदारों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है।पुलिस, वन दारोगा व वन माफिया के गठजोड़ हरियाली का दुश्मन बना हुआ है।हालांकि थानों में इसकी कोई रिपोर्ट नहीं है। हरे, फलदार, सरकारी, गैर सरकारी कोई पेड़ कटे, कोई सूचना दे मामले दर्ज तो दूर अधिकतर मामले में पुलिस जाती तक नहीं। सेटिंग गेटिंग कर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है।एक तरफ विश्व पर्यावरण पर शासन पेड़ लगवाता है।वही वन विभाग खाकी के गठजोड़ से वन माफिया इलेक्ट्रिक कटर से बाग के बाग साफ कर रहे है।
ताजा मामला सलोन कोतवाली क्षेत्र के सेमरी झकरासी गांव में दिन दहाड़े आधा दर्जन आम महुआ नीम के पेड़ो वन माफियाओ ने काट डाला।सलोन क्षेत्र में वन विभाग और पुलिस की सांठगांठ से वन माफिया हरियाली के दुश्मन बने है।विदित हो कि लगभग तीन महीने पूर्व क्षेत्राधिकारी इंद्रपाल सिंह ने लगभग तीन दर्जन महुआ के पेड़ों कटान वाली जगह पर छापेमारी करते हुए बेशकीमती लकड़ी को जब्त किया था।जिसकी कीमत लाखो रुपये की बताई जा रही है।जबकि ग्राम सभा सिरसिरा,केमुपुर,दुबहन में काटे गए चार दर्जन से अधिक हरे नीम के पेड़ो की अवैध कटान की सूचना पर एसडीएम सलोन के निर्देश पर वन विभाग ने छापेमारी करते हुए स्थानीय सलोन कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।बात यही खत्म नही होती सलोन में वन विभाग के रहमो करम पर इलेक्ट्रिक कटर से पेड़ो की कटान बदस्तूर जारी है।अवैध कटान रोकने वाले कंधों पर पेड़ों की अवैध कटान का जिम्मा वन माफियाओ के सहयोग से फलफूल रहा है।