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Uttarakhand / Almora : मनरेगाकर्मी की सेवा बहाली को लेकर बीडीओ कार्यालय के बाहर हंगामा व प्रदर्शन 

कथित फर्जी शिकायत पर हटाए गए मनरेगा कर्मी की लगातार आंदोलन के बावजूद बहाली न हुई तो पंचायत प्रतिनिधि भडक़ उठे। उन्होंने हंगामा काटकर बीडीओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। फिर वहीं धरने पर बैठ गए। अफरा-तफरी के बीच एसडीएम उन्हें मनाने पहुंचे। सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा भी दिलाया मगर पंचायत प्रतिनिधि नहीं माने। वह दैनिक वेतनभोगी कर्मी की बहाली व फर्जी शिकायत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जिद पर अड़े रहे। इधर उक्रांद भी मनरेगा कर्मी के पक्ष में उतर आया है। मनरेगा कर्मी नारायण सिंह रावत को हटाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ब्लॉक मुख्यालय में बीते नौ दिनों से बेमियादी धरना व क्रमिक अनशन के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर एकतरफा कार्रवाई वापस नहीं ली गई तो गुरुवार को माहौल और गरमा गया। किसी अधिकारी के धरना स्थल पर न पहुंचने से नाराज पंचायत प्रतिनिधि बीडीओ कार्यालय के बाहर जमा हो गए। नारेबाजी कर वहीं धरना शुरू कर दिया गया। इससे ब्लॉक कार्यालय में हंगामा शुरू हो गया। ग्रामीणों के तीखे तेवर होने का मामला एसडीएम आरके पांडे तक पहुंच गया। एसडीएम के पहुंचने पर आदोलनकारियों ने प्रशासनिक स्तर पर सुध न लिए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि मनरेगा कर्मी के निष्कासन का कारण बने शिकायतकर्ता परमानंद काडपाल कौन है, किसी को नहीं पता। मगर एकतरफा कार्रवाई कर दैनिक वेतनभोगी के हितों पर चोट कर दी गई। आज बुद्धि शुद्धि यज्ञ, कल तालाबंदी: शुक्रवार को पंचायत प्रतिनिधि प्रशासन के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ करेंगे। तीन जुलाई को जिले के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में तालाबंदी का ऐलान दोहराया गया। गुरुवार को धर्मगाव के प्रधान कमल किशोर तथा सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद सिंह अधिकारी क्त्रमिक अनशन पर बैठे। पूर्व विधायक व उक्रांद नेता पुष्पेश त्रिपाठी ने धरनास्थल पर पहुंच निष्कासित कर्मचारी की जल्द बहाली की मांग उठाई। इस दौरान पूर्व पंचायत अध्यक्ष कंचन साह, हेम रावत, नरेंद्र अधिकारी दिवाकर कार्की, प्रमोद जोशी, हरीश डौर्बी, देव सिंह रावत, हेमंत अधिकारी, मोहन सिंह रावत, बीरबल सिंह, नारायण सिंह अधिकारी, नीमा बजेठा, राम सिंह रावत, नवीन आर्या, आकाश बाल्मीकि, अंकित बाल्मीकि, अमन वाल्मीकि, धीरज अधिकारी, आशा देवी आदि मौजूद रहीं।