Uttarakhand / Bageshwar : बागेश्वर जिलापंचायत अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का आरोप, जांच की मांग को लेकर जिलाधिकारी को लिखा पत्र
जिला पंचायत मे चल रहे राजनीतिक घमासान मे उस वक्त नया मोड आ गया जब धरने पर बैठे उपाध्यक्ष सहित सभी नौ सदस्यों ने जिलाधिकारी वागेश्वर को जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ पंचायतीराज अधिनियम का भ्रामक जानकारी के खिलाफ जांच की मांग करते हुये दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करने की मांग करी।
आपको बता दें कि धरणे मे बैठे जिला पंचायत सदस्यों ने जिलाधिकारी को संबोधित करते हुए लिखा कि जिला पंचायत परिसर बागेश्वर में उपाध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर नवीन परिहार के नेतृत्व में हरीश ऐठानी, सुरेन्द्र सिह खेतवाल, वन्दना ऐठानी, इन्द्रा परिहार, पूजा आर्या, रुपा कोरंगा, रेखा देवी व गोपा धपोला दिनांक 15.06.2021 से अपनी विभिन्न मांगो को लेकर धरने पर बैठे हैं। दिनांक 30.06.2021 को भी सभी सदस्य अपने धरने पर बैठे थे तभी जिला पंचायत कार्यालय में अध्यक्ष बसन्ती देव पहुची उसके बाद उपजिलाधिकारी बागेश्वर योगेन्द्र सिह, तहसीलदार बागेश्वर नवाजीश खलीक, नायब तहसीलदार दीपिका आर्या पहुचे जिसके बाद उपजिलाधिकारी बागेश्वर द्वारा अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर व आन्दोलनरत सदस्यो की वार्ता करवाई गई, वार्ता स्थल पर जिला पंचायत अध्यक्ष बसन्ती देव, उपजिलाधिकारी बागेश्वर योगेन्द्र सिह, तहसीलदार बागेश्वर नवाजीश खलीक, नायब तहसीलदार दीपिका आर्या, कार्यवाहक अपर मुख्य अधिकारी सत्यप्रकाश कोठियाल, प्रशासनिक अधिकारी मनोज कर्म्याल, लेखाकार गोविन्द भौर्याल, मिडिया के तमात पत्रकार व जिला पंचायत के तमाम कर्मचारीयो की उपस्थिति में वार्ता शान्तिपूर्ण ढंग से चल रही थी इसी दौरान अध्यक्ष जिल पंचायत बागेश्वर द्वारा अपने साथ लाई एक पंचायती राज अधिनियम 2016 जो एक पीले रंग के पठठे में बाइण्ड थी निकाली गई जिसके बाद उस पुस्तक में धारा 112 खोल के दिखाया गया और पढने लगी जिस पर लिखा गया था कि (चार) जिला पंचायत की धारा 112 के खण्ड (क) के अन्तर्गत गठित समितियो का कार्यकाल दो वर्ष के लिए होगा। जिसके उपरान्त हम सभी सदस्यो के द्वारा उक्त तथ्य का विरोध किया गया और कहा गया की हमे वर्तमान जिला पंचायत के गठन के समय जो पंचायती राज अधिनियम 2016 सदस्यो को दिया गया हैं उसमें ये नही लिखा गया हैं तथा मार्केट में जो पंचायती राज अधिनियम 2016 प्रकाशित व प्रचलित हैं उसमें भी इस तथ्य का कही कोई उल्लेख नही हैं तथा पंचायती राज कार्यालय की बेबसाईड पर उपलब्ध पंचायती राज अधिनियम 2016 पर भी इस तथ्य का कही कोई उल्लेख नही हैं ऐसा कैसे हो सकता हैं कि अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर के पास अलग पंचायती राज अधिनियम 2016 व सभी सदस्यो को जिला पंचायत बागेश्वर द्वारा उपलब्ध करवाया गया अधिनियम, मार्केट में प्रकाशित व प्रचलित पंचायती राज अधिनियम, व पंचायती राज विभाग के बेबसाईड पर अपलोड अधिनियम एक जैसा, जिसके बाद सभी सदस्यो द्वारा उपजिलाधिकारी बागेश्वर से आग्रह किया गया की वास्तविक तथ्य से अवगत कराया जाय जिसके उपजिलाधिकारी बागेश्वर व अपर मुख्य अधिकारी बागेश्वर द्वारा कहा गया की जो किताब अध्यक्ष जी द्वारा दिखाई व पढी गई हैं वह सही हैं जिसका आन्दोलनरत सदस्यो द्वारा बार बार विरोध किया गये जाने के उपरान्त तहसीलदार महोदय बागेश्वर द्वारा अपना मोबाईल खोलकर पंचायती राज अधिनियम 2016 को देखा गया तो उसमें सदस्यो के पास उपलब्ध पंचायती राज अधिनियम व मार्केट में उपलब्ध अधिनियम समान था जिसके बाद तहसीलदार महोदय बागेश्वर द्वारा उपजिलाधिकारी महोदय बागेश्वर द्वारा अवगत कराया गया कि आन्दोलनरत सदस्यो द्वारा जो अधिनियम दिखाया गया हैं वही सही हैं जिसके बाद धरना स्थल से उपजिलाधिकारी बागेश्वर श्री योगेन्द्र सिह, तहसीलदार बागेश्वर श्री नवाजीश खलीक, नायब तहसीलदार सुश्री दीपिका आर्या वापस जाने लगे और आन्दोलनरत सदस्यो द्वारा बार बार आग्रह किया गया की इन सभी पंचायती राज अधिनियमो 2016 को सीज कर सत्यता की जाँच करे लेकिन उपजिलाधिकारी बागेश्वर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा सदस्यो के आग्रह किये जाने के बाद भी बिना सभी पंचायती राज अधिनियम को जिला पंचायत विभाग के कार्यालय से मंगवाकर सत्यता की जॉच किये बगैर वापस चले गये। जिसके बाद कल दिनांक 01.07.2021 के धारा 112 के बारे में पुनः जानकारी एका ताजो अधिनियम पंचायती राज 2016 सदस्यो के पास हैं मार्केट में प्रचलन में हैं तथा बेबसाइड में उपलब्ध हैं वही पंचायती राज अधि० 2016 भी पंचायती राज विभाग में भी उपलब्ध हैं जो सही व सत्य हैं लेकिन जो पंचायती राज अधिनियम 2016 अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर अपने साथ लेकर आई थी कूट रचित थी जिसे अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर द्वारा सभी लोगो के समक्ष यह कहा गया की यह पंचायती राज अधिनियत 2016 मुझे शासन द्वारा भेजा गया हैं जो सही हैं। अब हम सभी आन्दोलनरत सदस्य आश्वस्त हंा कि दिनांक 30.06.2021 को अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर बसन्ती देव अपने साथ जिला पंचायत बागेश्वर के धरना स्थल पर जो पंचायती राज अधिनियम 2016 लेकर आई थी वह सभी आन्दोलनरत सदस्यो को धोखा देने की नियत से कुट रचना करवा कर लाई थी उक्त पुस्तक किसी भी प्रकार से पंचायती राज अधिनियम 2016 नहीं हैं ना ही किसी प्रकार से प्रचलन में हैं। दिनांक 30.06.2021 के दिन वार्ता के समय धरना स्थल की सम्पूर्ण विडियो कवरेज मिडिया के पास बतौर साक्ष्य उपलब्ध हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती बसन्ती देव व कार्यवाहक अपर मुख्य अधिकारी सत्य प्रकाश कोठियाल को इस तथ्य की पूर्ण जानकारी थी की जो पंचायती राज अधिनियम 2016 हमारे द्वारा दिखाया जा रहा हैं वह पूर्ण रुप से गलत हैं तथा हमारे द्वारा सभी के साथ धोखाधडी की जा रही हैं। अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर व कार्यवाहक अपर मुख्य अधिकारी सत्य प्रकाश कोठियाल द्वारा उपजिलाधिकारी बागेश्वर, तहसीलदार बागेश्वर, नायब तहसीलदार, प्रशासनिक अधिकारीयो की उपस्थिति में धोखा देने की नियत से उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम की धारा 112 के सम्बन्ध में कूट रचित पुस्तक प्रस्तुत की गई और कानूनी उपबन्धो के साथ कूटरचना कर धोखाधडी करने का पूर्ण प्रयास किया गया हैं साथ ही गलत तथ्यो को कानून में सही रुप देने का पूर्ण प्रयास किया गया हैं तथा कानूनी उपबन्धो के साथ छेडछाड की गई हैं जो कानूनन अपराध हैं अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर द्वारा अपने द्वारा किये जा रहे गलत कार्यों को सही दर्शित करने के प्रयास में अपने द्वारा सभी को धोखा देने की नियत से अपने द्वारा कूटरचित पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 112 में उपरोक्त वर्णित गलत तथ्य को कार्यवाहक अपर मुख्य अधिकारी सत्य प्रकाश कोठियाल के साथ मिलकर सभी प्रशासनिक अधिकारीयो की उपस्थिति में सही दर्शित करने का पूर्ण प्रयास किया गया हैं जो पूर्ण रुप से धोखाधडी हैं तथा अपराध की श्रेणी में आता हैं। उन्होने कहा कि अध्यक्ष जिला पंचायत बागेश्वर द्वारा अपने द्वारा कूटरचित व गलत कानूनी उपबन्धो को सही रुप देने का प्रयास अपने द्वारा मिडिया चेनलो व सोसल मिडिया के द्वारा भी प्रचारित करवाया गया हैं उक्त तथ्य भी कानूनन अपराध की श्रेणी में आता हैं जिस कारण आपको यह प्रथम सूचना रिपोर्ट दोषियो के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने हेतु प्रेषित करने की आवश्यकता हुई हैं।
उन्होने जिलाधिकारी वागेश्वर से आग्रह किया है कि उक्त पत्र में उपरोक्त वर्णित तथ्यो के आधार पर दोषियो के विरुद्व आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाय। अब देखने वाली बात होगी की जिलाधिकारी वागेश्वर द्वारा इस पूरे प्रकरण मे किस प्रकार की कार्यवाही देखने को मिलती है।
राजकुमार सिंह