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Uttarakhand / Haridwar : राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन निराला स्वामी लहरी बाबा एक उच्चकोटि के संत व ब्रह्मलीन निराला स्वामी लहरी बाबा एक उच्चकोटि के संत व शिव साधक थे : राजमाता आशा भारती  

निराला धाम की अध्यक्ष शिव साधक थे। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव सेवा को समर्पित किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान कभी भुलाया नही जा सकता। भूपतवाला स्थित निराला धाम में आयोजित गुरूजन श्रद्धांजलि समारोह के अवसर पर आयोजित संत सम्मेलन के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन निराला स्वामी ने जीवन पर्यन्त गरीब असहायों की मदद कर समाज का मार्गदर्शन किया। युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज व जय मां मिशन के प्रबंधक ठाकुर मानसिंह ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद महाराज, ब्रह्मलीन गुरूमाता सुशीला रानी व ब्रह्मलीन निराला स्वामी महाराज महान संत थे। अपना पूरा जीवन परमार्थ के लिए समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। उनके बताए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करने का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। महामण्डलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज व महंत निर्मलदास महाराज ने कहा कि आदि अनादि काल से गुरू परंपराएं भारतीय संस्कृति की पहचान रही हैं। गुरू ही शिष्य के जीवन के उत्थान में अपना योगदान देकर राष्ट्र को समृद्धि की और अग्रसर करते हैं। चरित्रवान शिष्य ही समाज उत्थान में बेहतर योगदान देकर गुरू परंपराओं को विद्यमान रखते हैं। उन्होंने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में व्यतीत किया गया समय अवश्य ही श्रद्धालु भक्तों के लिए उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। राजमाता आशा भारती महाराज मानव कल्याण में उल्लेखनीय योगदान कर रही हैं। राजमाता आशा भारती के शिष्य नित्यानंद, सतीश अग्गी व रमेश मिड्डा ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों फूलमाला पहनाकर स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।  इस अवसर पर महंत शिवानंद, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, मनोज महंत, महंत दुर्गादास, महंत प्रह्लाद दास, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, महंत प्रेमदास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत सूरजदास, स्वामी केशवानंद, महंत गुरमीत सिंह, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महामण्डलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, महंत दामोदर दास, महंत सुमित दास, स्वामी केशवानंद, संत जगजीत सिंह, संत मंजीत सिंह, पार्षद अनिरूद्ध भाटी सहित बड़ी संख्या में संत महंत व पंजाब, दिल्ली, हरियाणा से आए सैकड़ों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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