News Cubic Studio

Truth and Reality

Uttarakhand / Rikhnikhal : रिखणीखाल में चिकित्सकों पर विधायक की राजनीति

उत्तराखंड जन्म से ही अच्छे अधिकारियों का टोटा झेल रही हैं। अनेकों वर्ष बीत गए अच्छे अधिकारी पहाड़ चढ़ने को राजी नही हैं। जो बेहतर हैं वह शहरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। इसी नीति को बदलने के लिए हरीश रावत सरकार ने प्रदेश में अनेकों बेहतर कार्य किये थे जिस को वर्तमान BJP सरकार ने पलट कर रख दिया हैं। वर्तमान सरकार अधिकारियों की कठपुतली बन गई हैं अधिकारियों पर जनप्रतिनिधियों का नियंत्रण खत्म हो चुका हैं। कोंग्रेस सरकार के दौर में जनता हित में अनेकों कड़े फैसले लिए गए थे जिस से आम जन को लाभ मिला था। प्रदेश में चिकित्सा सेवा की जो स्थिति आज है वैसी दयनीय स्थिति पहले कभी न थी।

कुछ कमोबेश हाल जनपद पौड़ी के लैन्सडाउन विधानसभा के अंतर्गत रिखणीखाल प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र का भी हैं। क्षेत्रीय विधायक महंत दिलीप सिंह रावत ने हॉस्पिटल को हाल ही एक्सरे मशीन उपलब्ध कराने का दावा किया हैं। जिस का गुणगान ऐसा किया जा रहा हैं जैसे एक्सरे मशीन आसानी से मिल गया। इस मशीन के लिए क्षेत्र 10वर्षों से मांग कर रही हैं। अनेकों बार धरना प्रदशन पत्राचार किया गया। क्षेत्र को अंधकार में डुबाने वाले ही आज सरकारी तंत्र को खोखला कर रहे हैं। माननीय विधायक जी ने विगत फरवरी महीने में घोषणा की थी कि रिखणीखाल को हम ने 3 चिकित्सक दिए हैं। जिन की तैनाती रिखणीखाल में कभी हुई ही नही।

रिखणीखाल चिकित्सा केन्द्र में मात्र एक चिकित्सक डॉ जयवर्धन नियुक्त हुए अन्य एक चिकित्सक वेस हॉस्पिटल कोटद्वार व दूसरा श्रीनगर हॉस्पिटल में अटैच हैं। जिन को रिखणीखाल चिकित्सा केन्द्र में व्यवस्थित दिखाया गया हैं। माननीय महंत जी ने जरूरत नही समझी कि रिखणीखाल चिकित्सा केन्द्र में चिकित्सकों की आवश्यकता हैं। यह क्षेत्र के लोगों के साथ छलावा हैं महंत जी झूट के ढेर पर बैठे हैं।

See also  Bihar / Muzaffarpur: Witch is wreaking havoc in the village! As soon as night falls, she is raining '250 gram stones' on the houses, police is searching for her in fear

हल ही रिखणीखाल चिकित्सा केन्द्र को एक्सरे मशीन उपलब्ध हुई हैं किंतु यह चुनावी जुमला भी क्षेत्रीय लोगों के गले नही उतर रहा। इस विषय पर जब मेरी बात रिखणीखाल CHC में डॉ राशी कुकरेती से हुई तो डॉ राशी कुकरेती कहती हैं कि जब रिखणीखाल में ऑर्थोपेडिक (हड्डी रोग) चिकित्सक नही हैं तो एक्सरे मशिन का औचित्य नही रह जाता हैं। इस के लिए चिकित्सा केन्द्र में टेक्नीशियन होना जरूरी हैं और अलग से एक कमरा होना चाहिए। डॉ राशी कुकरेती की माने तो हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड मशीन की सख्त जरूरत थी जिस के लिए CMO पौड़ी व क्षेत्रीय विधायक को अनेकों बार पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया हैं। अल्ट्रासाउंड मशीन होने से महिलाओं को प्रसव के दौरान दिक्कतों का सामना नही करना पड़ेगा अनेकों मरीजों को पेट सम्बंधित रोगों में लाभ मिलेगा। इस के लिए मात्र एक टेक्नीशियन की जरूरत थी। यदि एक्सरे मशीन उपलब्ध कराया गया हैं तो उस के लिए टेक्नीशियन व डॉ होना जरूरी हैं अन्यथा जल्द मशीन कबाड़ में बदल जायेगा।

ग्रामीण महिलाओं का हॉस्पिटल से विश्वास टूट रहा हैं। प्रति महीने हॉस्पिटल में प्रसव आंकड़ा घट रहा हैं। गौरतलब हो महिलाओं का हॉस्पिटल में प्रसव तभी हो सकता हैं जब उस के पास अल्ट्रासाउंड की 2 रिपोर्ट हो और उस के लिए 2 बार कोटद्वार जाना पड़ता हैं इस लिए क्षेत्र की महिलाएं डिलीवरी के लिए भी कोटद्वार का रुख कर रही हैं। चिकित्सा केन्द्र में पर्याप्त सुविधा न होने से क्षेत्र के लोग दरबदर भटक रहे हैं। आएदिन हॉस्पिटल पर बिना जांच पड़ताल के मरीज को कोटद्वार रैफर करने के आरोप लग रहे हैं। इस की मुख्य वजह हॉस्पिटल के नाम हो रही राजनीति है। मरीजों के लिए व्यवस्था न होना पहली बात नही हैं विगत दिनों अनेकों महिलाओं से प्रसव के दौरन दम तोड़ा हैं। जिस की मुख्य वजह उचित चिकित्सा व्यवस्था न होना था।

See also  Uttar Pradesh / Kanpur: Big accident, 6 drowned in Ganga, body of one found, divers are trying to find drowned people

क्षेत्र आखिर कब तक इस पीड़ा को झेलता रहेगा यह समझ से परे हैं और माता बहिनों की जान पर विधायक जी की राजनीति कब खत्म होगी ? समय आगया हैं कि हम सत्ता और व्यवस्था बदलें। सिर्फ राजनीति से ही व्यवस्था नही बदली जा सकती हैं हमें अब उचित कदम उठाने होंगे।