News Cubic Studio

Truth and Reality

Uttarakhand / Lansdowne : लैंसडाउन विधानसभा के फिर एक गांव ने किया। 2022 में चुनाव बहिष्कार का एलान

मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामसभा सिलगाँव वालों ने चुनाव बहिष्कार का एलान किया। ग्रामसभा सिलगांव हर सुविधाओं से अछूता है, गाँव के लोगो के साथ सरकार द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया है, यहां की समस्याओं को सुना नहीं जाता। लोगों का कहना है कि चुनावकाल में सभी जनप्रतिनिधि आते है पर उसके बाद सब गायब हो जाते है। लोगों ने गाँव की समस्याएं बताई जिसमें से मुख्य है –

  • सड़क से वंचित
  • विद्यालय अस्त–व्यस्त

सिलगाँव ग्रामसभा लैंसडाउन विधानसभा की ११ वीं एसी ग्रामसभा हें जिस ने वर्ष २०२२ में विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया हें. रिखनिखाल ब्लोक के अन्तर्गर ग्राम सिल्गाँव के ग्रामीणों ने आज शिक्षक दिवस के उपलक्ष में एक बैठक रखी बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण बच्चों में शिक्षा के प्रति घटते रुझान पर वार्तालाप रखा गया बैठक में सामाज सेवी देवेश आदमी मोजूद रहे देवेश जी के साथ ख़ास बातचीत में ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन की बात रखी ग्राम सिलगाँव के चिलाऊ तोक के ग्रामीणों ने अपने गांव में सडक का मुद्दा उठाया चिलौ के ग्रामीणों का कहना हें कि हमारे साथ सोतेला व्यवहार किया गया जब सडक चिलौ तक स्विकिर्त थी तो काप पूरा क्यों नही किया गया। सडक का काम सिल्गाँव तल्ला तक ही क्यों रोका गया। चिलाव के लोगों का कहना था कि हमारे प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है जो कभी भी गिर सकता है जिस से कभी भी कोई घटना घाट सकती हें विभाग व प्रसासन इस तरफ ध्यान नही देती हें . गोरतलब हो वर्ष २००३ में तेजपाल सिंह रावत तात्कालीन विधायक के कार्यकाल में द्वारी से चिलौ होते हुए सड़क हल्दुखाल जाना था मगर विग १७ वर्षों में विकास का पैयां एसा घुमा कि सडक कागजों में दब गया। अनेकों पत्रों व सामाजिक आंदोलनों से ग्रामीणों को सड़क की सोगात मिली भी पर अधूरी सड़क सिल्गाँव तल्ला तक ही सिमित हो चुका हें ग्रामीण इस बात से आक्रोशित थे कि चिलौ गांव ब्लोक का अंतिम गांव है जहाँ कोई भी सुविधा नहीं पहुचती क्षेत्रीय विधायक ने गांव के लिए आजतक कया सुविधा दिया जो हम वोट करें। इस लिए वर्ष २०२२ में चुनाव बहिष्कार आखरी राह है, महंत दिलीप सिंह रावत ने अनेकों बैठकों में हम से झूठ बोला है, हमारी हर शिकायत को कूड़ेदान में डालने का काम किया हें इस लिए विधायक से नाराजगी है यदि अन्य कोई विधायक होता तो हम से सोतेला व्यवहार नही करता और सड़क पूरी बना देता। सोचनीय विषय यह है कि समूचे विधानसभा में हर दुसरा गांव विधायक दिलीप सिंह रावत का बहिष्कार कर रहा हें अनेकों गांव २०२२ में चुनाव बहिष्कार की धमकी दे चुके हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए वर्ष २०२२ में लेंसडाउन विधानसभा जितना आसान नहीं है। विधायक दिलीप सिंह रावत पूर्व के विधायकों द्वारी स्वीक्रत कार्यों को अपने कार्यकाल का बताकर कब तक विकास का ढोल पीटेंगे आखिर जनता जाग चुकी है। जनता समझने लगी है कि हम से एक नहीं दो बार गलती हुई है। विधानसभा के अंतर्गत अनेकों गांव में आजकल सडके बन रही है। विधायक निधि से बन रही सड़कों पर लोग पैदल भी नहीं चल सकते। सड़कों का निर्माण विधायक निधि को ठिकाने लगाने के सिवाय कुछ नहीं है जनता के पैसों की खुली लुट का नाम विधायक निधि हें। जिस से मोटी कमीशन सीधा विधायक के जेब में जा रहा है, सड़कों की गुणवत्ता को जांचने वाला कोई नहीं है इस लिए विकार हर गांव तक नहीं पहुंच रहा है।

See also  Uttarakhand / Champawat: Children refuse to eat food prepared by Dalit women

https://youtu.be/TfKKg17zrzQ