प्रधानमंत्री मोदी और गौतम अडानी का प्यार, कर रहा है सभी सरहदे पार “अडानी कनेक्शन”

प्रधानमंत्री ने कल कहा, “मेरा सपना है कि हर किसान के पास Drone हो।” आज खबर आई कि गौतम अडानी ने Drone निर्माण के क्षेत्र में कदम रख दिया है।
यह भी संभव है कि गौतम अडानी ने पहले ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में कदम बढ़ाने का फैसला लिया हो और उसके बाद प्रधानमंत्री ने यह सपना देखा हो। जो भी हो, इस अद्भुत संयोग पर English की एक कहावत याद आती है, “Great Minds Think Alike” यानी… महापुरुष एक जैसे सोचते हैं।
Modern Farming में ड्रोन की उपयोगिता फसलों की निगरानी और कई तरह के नुकसान से बचाने में है। ड्रोन बनाने वाली Bengaluru की एक कंपनी General Aeronautics में गौतम अडानी ने 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने की सौदा किया है।
Agriculture के अलावा Defence सहित कई अन्य क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है तो इसके निर्माण में पूंजी लगाना भविष्य में अकूत लाभ की गारंटी है। ऊपर से, अगर प्रधानमंत्री के सपनों का साथ हो तो फिर कहना ही क्या है। केंद्र सरकार देश में Drone Sector के विकास पर खासा जोर दे रही है और इसके लिये एक ड्रोन नीति भी तैयार की गई है।
गौतम अडानी की योजनाओं और प्रधानमंत्री के सपनों का मेल वाकई अद्भुत है…!!!
प्रधानमंत्री ने “आयुष्मान भारत” का सपना देखा, सरकारी खर्च पर 50 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की, इधर कोरोना संकट के बाद मध्य आय वर्ग के लोगों में भी स्वास्थ्य बीमा करवाने की होड़ लगी, उधर गौतम अडानी ने Healthcare के क्षेत्र में भी बड़े निवेश का फैसला ले लिया। इसी 17 मई को “Adani Health Ventures Limited” नामक कंपनी की स्थापना हुई है।
भारत में चिकित्सा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के लिये अथाह अवसर हैं और सरकार की मंशा भी है कि लोग खांसी जुकाम होने पर भी निजी अस्पतालों की ओर ही रुख करें तो बेहतर है। अब, इस अवसर का लाभ गौतम अडानी भी उठाना चाहें तो किसी को क्या दिक्कत…???
एक सरकारी Pharma कंपनी HLL Healthcare को सरकार बेचने वाली है और जाहिर है, प्रधानमंत्री के सपनों के सहयात्री गौतम अडानी इस कंपनी को खरीदने की होड़ में भी आगे हैं।
प्रधानमंत्री का सपना है कि भारतीय रेल की आधारभूत संरचना विश्वस्तरीय हो, देश के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन की चमक-दमक से लोगों की आंखें चौंधिया जाएं। गौतम अडानी इस सपने को मुकाम तक पहुंचाने में जुट गए। उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई के पैसों को रेलवे प्लेटफार्म आदि खरीदने में झोंक दिया, आगे और झोंकेंगे…!!!
प्रधानमंत्री का सपना है कि देश के बड़े बंदरगाह और एयरपोर्ट आधुनिक तकनीकों और सुविधाओं से लैस हों। उनके सपनों को पूरा करने के लिये गौतम अडानी एक एक करके न जाने कितने बंदरगाह और एयरपोर्ट खरीद चुके हैं और इसमें कोई संदेह नहीं कि आगे और खरीदेंगे…खरीदते जाएंगे…!!!
BBC की रिपोर्ट बताती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों और गौतम अडानी के व्यावसायिक प्रयासों का साथ दो दशक पुराना है, जब 2002 में Modi जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे।
रिपोर्ट के मुताबिक 2002 में गौतम अडानी की कुल संपत्ति 76 करोड़ डॉलर थी। 2014 में जब नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात छोड़ा तो इन 12 वर्षों में अडानी की कुल सम्पत्ति 1,000 करोड़ डॉलर से अधिक हो चुकी थी। यानी उन 12 वर्षों में उनकी संपत्ति में 13 गुणा से भी अधिक इज़ाफ़ा हुआ।
उन 12 वर्षों में नरेंद्र मोदी जी गुजरात के लिये सपने देखा करते थे। फिर, 2014 में वे प्रधानमंत्री बन गए और तब देश के लिये सपने देखने लगे…!!!
अब, नरेंद्र मोदी जी के सपने बड़े थे तो गौतम अडानी जी के दांव भी बड़े हुए…!!!
BBC की उसी रिपोर्ट में Bloomberg Billionaire’s Index के हवाले से बताया गया है कि फ़रवरी 2022 में गौतम अडानी की कुल संपत्ति 8,850 करोड़ डॉलर हो गई थी। उस दिन वे मुकेश अंबानी को भी पछाड़ कर देश के सबसे अमीर बन गए थे।
- यानी, 2014 से 2022 तक के 8 वर्षों के नरेंद्र मोदी राज में गौतम अडानी की कुल संपत्ति में 9 गुने की बढ़ोतरी हुई…!!!
- अब…जब नरेंद्र मोदी जी के सपने बड़े थे तो उन सपनों के सहयात्री गौतम अडानी जी के लाभ भी बड़े ही होने थे…!!!
आजकल अंबानी और अडानी में होड़ लगी रहती है। किसी दिन वे देश के सबसे अमीर घोषित होते हैं तो किसी दिन ये घोषित होते हैं।
हालांकि, प्रधानमंत्री ने सपना तो यह भी देखा था कि 2022 तक किसानों की आमदनी भी कम से कम दोगुनी हो जाए। लेकिन, किसानों ने उनके सपनों के साथ घोर अन्याय किया। जहां Adani, Modi जी के 8 वर्षों के राज में नौ गुनी छलांग लगा गए, किसान तो महज़ सवा गुनी छलांग में ही हांफने लगे। उल्टे, कुछ दिलजले विश्लेषक तो बता रहे हैं कि भयानक मुद्रास्फीति और बेलगाम महंगाई के कारण आम किसान पहले से और अधिक गरीब ही हो गए हैं…!!!
उधर, नौजवानों की बेरोजगारी हालिया इतिहास के उच्चतम स्तरों पर पहुंच गई तो उनकी आमदनी की बात ही क्या करनी। जब आमदनी है ही नहीं तो उसमें बढ़ोतरी कैसी…??? अपने बाप की रोटी तोड़ते वर्षों से Bank, SSC, Railway आदि की तैयारी करते vacancy की ओर टकटकी लगाए रहते हैं और vacancy है कि रेगिस्तान के बादलों की तरह छलती ही जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना था कि हर वर्ष नौजवानों को दो करोड़ नौकरियां देंगे। लेकिन, उनके सपनों को सरकारी विभागों और Private Sector ने मिल कर भारी धोखा दिया। सरकारी विभाग vacancy निकालने की जगह पद ही खत्म करने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। आज की ही खबर है कि रेलवे के बाबू लोग भरी दोपहरी की तपती धूप में मुर्दाबाद मुर्दाबाद करते पसीने से तरबतर हो रहे थे, क्योंकि रेलवे ने गैर-सुरक्षित संवर्ग के 72,000 पदों को खत्म करने का निर्णय लिया है। जब पद ही खत्म तो vacancy कैसी…??? जब vacancy ही नहीं तो बहाली कैसी…???
ये तो अच्छा है कि दिल्ली के क़ुतुब मीनार से लेकर काशी की मस्जिद तक की खुदाई के लिये नारे लगाने को नौजवानों की अच्छी खासी vacancy आई है। उधर, मध्य प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक में भी इसी प्रकार की vacancy की बहार है…!!!
जो नौजवान इतिहास की कब्रों को खोदने और खुदवाने में दिलचस्पी रखते हैं उन्हें प्रेरणा देने के लिये Akshay Kumar की नई फिल्म ‘Samrat Prithviraj’ अगले सप्ताह आ ही रही है जिसके trailer के अंत में बड़े-बड़े हर्फ़ों में लिखा दिखता है, “धर्म के लिए जिया हूँ, धर्म के लिये मरूंगा” ।
भले ही इतिहास के प्रोफ़ेसर और विद्वान पृथ्वीराज के “धर्म के लिये जीने और धर्म के लिये मरने” की बात सुन कर माथा पीट लें, WhatsApp University से इतिहास को जानने वाले नौजवानों के लिये तो यह प्रेरक बात हो ही सकती है…!!!
वैसे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 2014 से ही सपना देख रहे हैं कि देश के नौजवान ‘कुशल’ हों ताकि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने में अपनी महती भूमिका निभा सकें। अब, इन नौजवानों को कुशल बनाने के लिये बड़े ही ताम झाम से शुरू होने वाले ‘Kaushal Vikas Kendra’ ही सफेद हाथी साबित होने लगे तो क्या किया जा सकता है।
बहरहाल, बड़े सपने देखने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन तो बनता ही है, और, उनसे भी अधिक, Adani-Ambani का अभिनंदन बनता है जिन्होंने बताया कि दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि दर किसे कहते हैं। हमलोग तो बचपन से सिर्फ इस मुहावरे को सुनते ही आ रहे थे, इन कॉर्पोरेट्स प्रभुओं ने इन मुहावरों को साक्षात चरितार्थ करके भी दिखा दिया।
हमारी पीढ़ी धन्य है…!!!
आदित्य राज