प्रधानमंत्री मंच से बोले महिला सम्मान, जमीन पे हुआ महिला अपमान करने वालो का सम्मान
न्यू यॉर्क टाइम्स वह अखबार है जो पूरी दुनिया को पत्रकारिता के क्षेत्र मे मार्गदर्शित करता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की न्यूज़ को दुनिया भर के बड़े मीडिया हाउसेस फॉलो करते हैं, हाल के समय में न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत के विषय में कोई अच्छी खबर छापी हो। ऐसा हुए एक अरसा बीत चुका है पिछली बार अगर कोई खबर भारत के विषय में प्रमुखता से छापी गई थी तो वह कोरोना के समय गंगा में बहती हुई लाशों के बारे में थी, 20 अगस्त को भारत की एक और खबर न्यूयॉर्क टाइम्स का हिस्सा बनी और वह थी बिलकिस बानो के अपराधियों को छोड़ने की खबर। भारत के प्रमुख मीडिया हाउसेस द्वारा इस खबर को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई मगर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से छापा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ साथ जापान के प्रमुख अखबारों ने भी बिलकिस बानो केस से जुड़े अपराधियों की रिहाई को प्रमुखता से छापा है और साथ ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लेते हुए कई तंज कसे है। न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि एक तरफ नरेंद्र मोदी 15 अगस्त के दिन लाल किले से महिला सम्मान की बातें करते हैं और उसी दिन गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो के अपराधियों को आजाद करना मोदी सरकार की कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है। भारत के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार इस तरह की खबरों का आना भारत की छवि को अत्यंत नुकसान पहुंचा रहा है। भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे लगातार अत्याचारों की खबरें अंतर्राष्ट्रीय अखबारों का लगातार हिस्सा बन रही है। भारत के अंदर भले ही इन खबरों को जानबूझकर दबाने की कोशिश की जाती रही है परंतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन खबरों को दबा पाना मुमकिन नहीं है। पिछले दिनों न्यू यॉर्क टाइम्स मैं एक और खबर आई जिसमें दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के शिक्षा मॉडल के बारे में पूरे विश्व को बताया गया कि किस तरीके से शिक्षा के क्षेत्र में केजरीवाल सरकार ने अभूतपूर्व काम किया है। इस खबर के आने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी मैं एक खलबली सी मच गई और इस खबर के अगले दिन ही दिल्ली के शिक्षा मॉडल के जनक रहे मनीष सिसोदिया के घर पर ईडी ने छापेमारी करी। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह छापेमारी एक बदले और चिढ की राजनीति के तहत की गई बीजेपी आईटी सेल भी चुप नहीं बैठा और न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी इस खबर को पेड न्यूज़ कहकर प्रचारित किया जाने लगा जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुद इस खबर की सत्यता की तस्दीक की तब जाकर इन अफवाहों पर विराम लगा , पिछले साल सितंबर महीने में भाजपा आईटी सेल द्वारा एक और खबर फैलाई गई, जिसमें नरेंद्र मोदी को दुनिया भर के लिए आखरी उम्मीद के तौर पर दिखाया गया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस मामले में आगे आकर इस खबर का खंडन किया और कहा कि यह झूठी खबर फैलाई जा रही है नरेंद्र मोदी के बारे में ऐसा कोई लेख न्यूयॉर्क टाइम्स का हिस्सा नहीं बना है। जिसके बाद भारत ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस खबर का बहुत मजाक बनाया गया। भाजपा सरकार को यह समझना पड़ेगा कि भारत विश्व गुरु देश के अंदर हिंदू-मुस्लिम कराने से या भारी भरकम भाषणों से, झूठी खबरें फैलाने से नहीं बनेगा भारत विश्व गुरु तब बनेगा जब भारत की सफलता की सच्ची कहानी न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अखबार अपने फ्रंट पेज पर लिखेंगे।
सत्यनवेशी