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श्रद्धा हत्याकांड का मुख्य आरोपी आफ़ताब निकला पारसी

श्रद्धा हत्याकांड का मुख्य आरोपी आफ़ताब जिसने श्रद्धा के 35 टुकड़े कर नृशंस हत्या को अंजाम दिया और जिसको हिंदुस्तान के तमाम न्यूज़ चैनल, अखबार और सोशल मीडिया में हिंदू-मुस्लिम करके प्रचारित किया जा रहा है, अंत में पारसी निकला है, आफ़ताब का पूरा नाम आफ़ताब अमीन पूनावाला है। । जबसे श्रद्धा हत्याकांड सुर्खियों में आया है तब से उसके हत्यारे आफ़ताब के बारे में चर्चा कम और उसके मुसलमान होने में चर्चा ज्यादा हो रही है, तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुस्लिम विरोधी पोस्ट की बाढ़ सी आ गई है मगर अब एक खबर सामने आई है कि आफ़ताब मुसलमान ना होकर पारसी समुदाय से आता है इस खबर की सुर्खियों में आते ही भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे प्रोपेगेंडा को जबरदस्त झटका लगा है भाजपा समर्थक लोगों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि इस स्थिति को कैसे संभाला जाए क्योंकि पिछले कई दिनों से वह लगातार आफ़ताब के मुस्लिम होने पर पोस्ट पर पोस्ट डाल रहे हैं। यह एक विडंबना ही है कि एक हत्यारे को हत्यारे के तौर पर कम और किसी समुदाय विशेष से जुड़ा होने के कारण ज्यादा चर्चा मिल रही है । पिछले कई सालों में यह विशेष रुझान सामने आ रहा है कि जब भी चुनाव सामने आते हैं तो कहीं ना कहीं से हिंदू-मुस्लिम मुद्दा उठाया जाता है उसका प्रचार किया जाता है, ऐसा ही इस बार भी देखने को मिल रहा है, जिस तरह से हिमाचल और गुजरात में अभी चुनाव आने वाले हैं एक बार फिर से हिंदू मुसलमान राग पूरे भारतवर्ष में न्यूज़ चैनल, सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से सब जगह फैलाया जा रहा है । अर्ध सत्य को पूर्ण सत्य मानकर जिस तरह से झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं यह ना सिर्फ इस लोकतंत्र के लिए बल्कि हिंदुस्तान के सामाजिक ढांचे के लिए भी एक बहुत बड़ा खतरा बन कर सामने उभरा है। अभी भी थोड़ा वक्त है शायद हमारे पास थोड़ा संभलने का कहीं ऐसा ना हो कि लगातार फैलाई जा रही इस नफरत की आग में हमारी आने वाली पीढ़ियां झुलस कर पूरे देश के भविष्य को चौपट कर दें इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह किसी भी इस तरह की आने वाली खबर का स्वयं विश्लेषण करें उसकी गंभीरता को समझें और सोच विचार के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचे। हमारा बगैर सोचे समझे राजनीतिक प्रोपेगेंडा में शामिल हो जाना अंत में हमें ही ले डूबेगा।

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सत्यन्वेशी