News Cubic Studio

Truth and Reality

नए भारत में आपका स्वागत है

आज हम ऐसे भारत में हैं जिसे हम विश्वगुरु, रामराज, अमृतकाल आदि कहते थे, ये सब नाम लोकतंत्र की हत्या पर पर्दा डाल रहे हैं। मोदी सरकार के बाद इतने घोटाले हुए, एक नजर डालते हैं-

  • नीरव मोदी घोटाला – 14,000 करोड़
  • ललित मोदी घोटाला- 500 करोड़
  • मेहुल चोकसी घोटाला – 13,500 करोड़
  • विजय माल्या घोटाला – 9,000 करोड़
  • DHFL घोटाला – 35000 करोड़
  • गौतम अडानी घोटाला – कई लाख करोड़
  • अरबपतियों की कर्जमाफी – 14.5 लाख करोड़
  • विलफुल डिफॉल्टर्स की बैंक लूट- 88000 करोड़
  • अडानी पर बैंकों का कर्ज – 80000 करोड़

संसद चलेगी नहीं, विपक्षियों के पीछे ईडी, सीबीआई, पुलिस लगी है, घोटाले पर भाषण देने के लिए सजा हो रही है, मीडिया मौन है। ये भयानक भ्रष्टाचार के मामले उठाएगा कौन? इस लूट, झूठ और महा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगा कौन? क्या देश की जनता ने अब भ्रष्टाचार को स्वीकार कर लिया है? क्या देश की जनता सरकारों को सत्ता में बनाए रखने के लिए कटोरा लेकर भीख मांगने और निहंगम हो जाने को तैयार है?

कितना मजेदार है कि देश लूटकर भागा नीरव मोदी मजे में है, ललित मोदी मजे में है, मेहुल भाई को अभयदान मिल गया, लेकिन चोर को चोर बोल देने के लिए राहुल गांधी को सजा हो गई? ये भी एक नया इतिहास तो गड़ा है।

क्या यह संयोग है कि जिस दिन मेहुल चोकसी का इंटरपोल नोटिस वापस करके उसे अभयदान दिया गया, उसी के अगले दिन चोर को चोर कहने के लिए राहुल गांधी को सजा सुना दी गई?

क्या राहुल गांधी का मामला इतना बड़ा था? यह कोई कानूनी लड़ाई है ही नहीं। यह एक राजनीतिक लड़ाई है जिसके तहत, कानून की आड़ लेकर राहुल गांधी का शिकार किया गया है।

यह नया भारत है। चोर मजे में होंगे, लेकिन सवाल उठने वाले जेल जाएंगे। राहुल गांधी ने अदालत में माफी नहीं मांगकर सजा कबूल की। मुझे लगता है कि राहुल को पूरा मसला पुरजोर तरीके से जनता के सामने रखना चाहिए और जेल चले जाना चाहिए। इस देश की जनता को भी पता चले कि यह देश अब सच बोलने वालों के लिए जेलखाना है और चोरों-लुटेरों की सैरगाह है।

इतिहास तो यही कहता है कि जनता ही हर अंधेरे में दिया जलाती है और फिर सूरज निकल आता है।

राजकुमार परिहार