Uttarakhand / Kotdwar : सरकार के सभी काम बयानों में ओर विज्ञापनों में हो रहे है पर कुछ और है ज़मीनी हकीकत
आइये देखें ज़मीनी हकीकत यह तस्वीर कोटद्वार स्थित राजकीय बेस चिकित्सालय की हैं, जहां मरीजों को ऑक्सीजन के लिए बेड तक नहीं मिल रहे। यहाँ मरीज जमीन में लेटकर ऑक्सीजन ले रहे हैं। स्थिति काफी भयावह है।
मुख्यमंत्री बयानों में हर बार बोलते है सरकार हर संभव मदद कर रही है। उनके अनुसार न बेड की कमी है, न ऑक्सिजन की न दवाइयों की पर ये बाते बस अफ़वाह मात्र बन गयी है। जनता गरीबी से मर रही है और कोरोना का इलाज भी सही तरीके से नही मिल रहा।
बात अभी 5 दिन पहले 30 April की ही है जब कोटद्वार राजकीय बेस हॉस्पिटल से नकली रेमडेसीवीर इंजेक्शन भारी मात्रा में पकड़ी गई, जो काम कोटद्वार पुलिस का था पर किया दिल्ली पुलिस ने, कोटद्वार पुलिस का कहना था हमे कुछ नही पता और किसी तरीक़े की गिरफ़तारी से भी किया इनकार। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने उपयोगी सूचनाओं पर काम करते हुए एक लंबी जांच में 5 दोषियों को गिरफ्तार किया और कोटद्वार, उत्तराखंड में एक ‘फार्मास्युटिकल’ यूनिट का पता लगाया, जिसकी बड़ी मात्रा में नकली रेमेडविसियर इंजेक्शन (COVIPRI) की बड़ी मात्रा में 25000 रुपये में बिक्री हुई।
जब फार्मास्युटिकल यूनिट कोटद्वार में थी तो ऐसे कैसे हो सकता है कि वहाँ कोटद्वार से कोई नहीं रहा हो? कोई भी कंपनी तभी किसी जगह फैक्ट्री खोल सकती है जब वहां के लोगो को रोजगार दे। इलाज के लिए जनता भटक रही है, महँगाई से उन पर एक और वार हुआ है।