Uttar Pradesh / Jhansi : आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में कवि सम्मेलन का आयोजन

संस्कृति मंत्रालय उप्र के आदेशानुसार आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में जिला प्रशासन, राजकीय संग्रहालय, बुंदेलखंड क्षेत्र की क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई एवं क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के सौजन्य से राजकीय संग्रहालय झांसी में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने वीर रस का काव्य पाठ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ उप्र नाट्य एवं संगीत अकादमी के उपाध्यक्ष धन्नूलाल गौतम के मुख्य आतिथ्य , संस्कार भारती , महोबा के संरक्षक पं सन्तोष कुमार पटैरिया एवं समाजसेविका डॉ .नीति शास्त्री के विशिष्ट आतिथ्य तथा जीवनधारा फाउन्डेशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार तिवारी एवं वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।कवि सम्मेलन में बुन्देलखण्ड के विशिष्ट आमंत्रित कवि राजकुमार अंजुम , अर्जुन सिंह “चांद “, अजय साहू , गया प्रसाद वर्मा ,” मधुरेश “, राम बिहारी सोनी ” तुक्कड़ ” , दीप शिखा शर्मा ” दीप “, प्रताप नारायण दुबे ,सत्य प्रकाश ताम्रकार “सत्य”, सरफराज “मासूम” ,नेहा बहल “चाहत” , देवेंद्र रावत “नटखट”, उस्मान “अश्क ” ने आजादी में शहीद हुए वीरों को याद करते हुए उनकी वीरगाथा को काव्य के रूप में वीर रस के साथ प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि धन्नूलाल गौतम ने अपने उद्बोधन में कहा कि बुन्देलखण्ड वीरों की एवं कवियों की जन्मस्थली है आज हर वर्ग के लोगों को यहां के वीरों एवं कवियों के जीवन परिचय का अध्य्यन करना चाहिए एवं उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि सन्तोष कुमार पटैरिया ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी संस्कारों से विमुख होती जा रही है इस तरह के कवि सम्मेलनों में सहभागिता करके बहुत कुछ सीखा जा सकता है।समाजसेविका नीति शास्त्री ने कहा कि झांसी की ऐतिहासिक भूमि महारानी लक्ष्मीबाई एवं झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं की कर्मभूमि रही है एवं ऐसी महान वीरांगनाओ को यहां के कवियों ने वीर रस के साथ कविता के रूप में प्रस्तुत किया है। अध्यक्षता कर रहे प्रदीप कुमार तिवारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड के बांदा के राजापुर में जन्मे गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना करके बुन्देलखण्ड की भूमि को विश्व में विशेष स्थान दिलाने का काम किया था आज उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर उन्हें नमन करते हुए हम सभी को रामचरित मानस का प्रतिदिन पाठ करने का संकल्प लेना चाहिए।वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली ने कहा कि हर वर्ग को आगे आकर इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में युवाओं को आगे आकर अपनी भूमिका निश्चित करनी चाहिए । इस अवसर पर सोम तिवारी, प्रगति शर्मा, उमा पाराशर, अजीत राय, हरिशंकर चौरसिया, राजेन्द्र श्रीवास्तव, मुकेश सिंघल, विवेकानन्द, कांति देवी गीता दुबे,रीना रानी , ऋषभ, मयंक कुमार , मुकेश रायकवार , मुकेश कुमार, रमेश श्रीवास, दिव्या प्रजापति, रिंकी श्रीवास्तव, मनीष अग्रवाल, मुन्नालाल,अजय , ओमप्रकाश केशव आदि उपस्थित रहे।
संचालन अर्जुन सिंह चांद व आयोजक क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी एस के दुबे ने आमंत्रित कवियों एवं अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तथा आभार व्यक्त किया।