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Uttarakhand / Rikhanikhal : उत्तराखंड सरकार कब देगी पहाड़ की जनता पर ध्यान, मौतों का सिलसिला जारी है

रिखणीखाल क्षेत्र के अनेकों बुद्धजीवी क्षेत्र हित में अनेकों कार्य कर रहे हैं किंतु क्षेत्र के कुछ चुनिंदा लोग सहयोग करने के लिए तैयार नही हैं। विगत दस दिन पूर्व पौडी मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कलेक्टर पौड़ी, ADM पौड़ी, चिकित्सा निदेशालय उत्तराखण्ड व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को पत्र लिख कर रिखणीखाल में फैले अनजान बुखार के बारे में अवगत कराया गया।

रिखणीखाल ही नही पौडी के सभी ब्लॉक टिहरी, उत्तरकाशी के बारे में भी पत्र लिखा गया था। रिखणीखाल में जिस बुखार की चपेट में अबतक 7 लोग आ गये हैं, उनको अपनी जान गंवानी पड़ी हैं। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड ने पत्र का संज्ञान लिया और तुरन्त चिकित्सा दल रिखणीखाल के अंतर्गत द्वारी, सिलगांव, क्विराली, तोल्यो क्षेत्र में लोगों की चिकित्सा जांच हेतु पहुँचा किंतु किसी भी ग्रामीण ने चिकित्सा जांच नही कराई ऐसा कहना हैं चिकित्सा जांच दल का।

क्षेत्र के जागरूक स्वतंत्र पत्रकारों पर आरोप भी लगाया जा रहा हैं कि वे ग्रामीण क्षेत्र में बुखार की झूठी खबर फैला रहे हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि इस तरह की कोई घटना घटित नही हुई हैं लोग अपने किसी पुराने रोग की वजह से मर रहे हैं। यही कारण रहा कि चिकित्सा दल को किसी ग्रामीण ने सहयोग नही किया। यदि यही हाल रहा तो आगे महामारी को रोकना मुश्किल होगा। यदि क्षेत्र के जागरूक लोगों को इसी तरह झुठलाया जाएगा तो कैसे रोकथाम होगी। मृतको के परिजन इस बात से अनभिज्ञ हैं कि वे अपने साथ- साथ समूचे क्षेत्र की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं।

सोशलमीडिया पर बुखार की खबर पोस्ट करने वालों को अपशब्द कहे जा रहे। पुलिस में मुकदमा दर्ज करने की भी धमकी दी जा रही हैं जिस कारण बीमारी के आंकड़े सार्वजनिक नही हो रहे हैं। उत्तराखंड सरकार को इस विषय में जाँच के आदेश देने चाहिए ताकि कारणों का पता जल्द से जल्द लगे।

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देवेश आदमी