News Cubic Studio

Truth and Reality

Uttar Pradesh / Chitrakoot : मेराजुद्दीन-मुकीम की हत्‍या के बाद फिर खड़े हुए सवाल, जेल में कैसे पहुंचा असलहा और गोलियां, जानिए क्‍या है मुख्‍तार कनेक्‍शन

मेराजुद्दीन-मुकीम की हत्‍या के बाद फिर खड़े हुए सवाल, जेल में कैसे पहुंचा असलहा और गोलियां, जानिए क्‍या है मुख्‍तार कनेक्‍शन?

उत्‍तर प्रदेश की चित्रकूट जेल में अपराधी मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला को गोली मारकर हत्‍या किए जाने के बाद यूपी की जेलों की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इसके पहले जुलाई 2018 में यूपी की बागपत जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। करीब तीन साल बाद चित्रकूट जेल से इससे बड़ी वारदात की खबर आई तो लखनऊ तक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। विपक्ष भी सरकार की घेराबंदी में जुट गया है।
बताया जा रहा है कि चित्रकूट जिला जेल के अंदर शुक्रवार सुबह करीब दस बजे अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। जेल की हाई सिक्योरटी बैरक से गोलियों की आवाज सुनकर सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया। इस फायरिंग में पहले दो बड़े अपराधी मेराजुद्दीन, मुकीम उर्फ काला को अशु दीक्षित ने मारा फिर अंशु दीक्षित की मौत पुलिस की गोलियों से हो गई। वारदात की खबर मिलते ही चित्रकूट के तमाम बड़े अधिकारी जेल पहुंच गए। घटना की छानबीन चल रही है लेकिन जेल के अंदर इस शूट आउट से जेलों की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

अभी तक की जांच के बारे में पुलिस सूत्रों का कहना है कि जेल में बंद अंशुल दीक्षित को कहीं से कट्टा मिल गया। उसने मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर गोली चला दी। अंशु की गोलियों से दोनों अपराधियों की घटनास्‍थल पर ही मौत हो गई। पश्चिमी यूपी में मुकीम काला की गिनती बड़े बदमाशों में होती थी। वारदात के बाद मौके पर अंशुल दीक्षित पुलिस की गोली से मारा गया। वारदात के बारे में पता चलते ही पूरे चित्रकूट से अधिकारियों की गाड़ियां जेल की ओर दौड़ने लगीं। देखते ही देखते पूरी जेल पुलिस छावनी में तब्दील हो गई।

See also  Uttar Pradesh / Lucknow : केजीएमयू को दिये छह लेवल एयर पूरीफिकेशन सिस्टम

मुख्‍तार अंसारी का क्‍या है कनेक्‍शन?

बताया जा रहा है वारदात में मारा गया अपराधी मेराजुद्दीन, बांदा जेल में बंद माफिया मुख़्तार अंसारी का करीबी था। उसे मार्च 2021 में वाराणसी जेल से चित्रकूट जेल शिफ्ट किया गया था। मुकीम काला को 7 मई 2021 को चित्रकूट जेल लाया गया था। जबकि अंशू दीक्षित को दिसंबर 2019 में चित्रकूट जेल लाया गया था।

मुन्‍ना बजरंगी की इसी तरह बागपत जेल में हुई थी हत्‍या

बागपत की जिला जेल में गत 9 जुलाई 2018 की सुबह पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी।मुन्‍ना बजरंगी भी मुख्‍तार अंसारी का शूटर था। मुन्ना बजरंगी की हत्या करने का आरोप जेल में बंद वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाश सुनील राठी पर लगाया गया। तत्कालीन जेलर यूपी सिंह ने तभी खेकड़ा थाने पर उसके खिलाफ घटना की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। इसी दिन मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने भी पुलिस को एक तहरीर दी थी। इसमें उन्होंने पूर्वांचल के कई महत्वपूर्ण लोगों पर साजिश रचकर पति की हत्या कराने का आरोप लगाया था।

चित्रकूट जेल गैंगवार में मारे गए मुकीम काला पर 61 मुकदमे, कैसे बना मोस्ट वांटेड? पढ़िए पूरी कहानी

चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार में मारे गए मुकीम काला पर 61 आपराधिक मुकदमे हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक वेस्‍ट यूपी के कैराना में पलायन का मुख्य आरोपी मुकीम काला था। बता दें, कैराना समेत आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय बना कुख्यात मुकीम उर्फ काला 6 साल पहले अन्य मजदूरों के साथ मकान निर्माण में चि‍नाई मिस्त्री के साथ मजदूरी करता था।

See also  Uttar Pradesh / Bijnor: The wife had chained herself, the husband was pleading to save her, people were shocked when they heard the call

मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दी। इस मामले में मुकीम काला जेल गया था। उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपने कदम आगे बढ़ा दिए। मुकीम काला का खौफ वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला है। मुकीम का गैंग पुलिस के रडार पर तब आया जब इन्होंने पुलिस पर भी हमले करने शुरू कर दिए। पुलिस के अनुसार, दिसबंर 2011 में पुलिस एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया जिसके बाद मुस्तकीम काला ने कग्गा के गैंग की बागडोर संभाल कर वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया।
मुकीम काला के गैंग में डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाश शामिल रहे और उन्होंने ताबड़तोड़ दो वर्षों में ही हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई जघन्य वारदातों को अंजाम दे दिया। मुकीम काला ने अपने साथियों के साथ एक के बाद एक कई वारदात किए, लेकिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पुलिस ने उसे कई बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया। पिछले साल अक्तूबर में पुलिस ने मुकीम काला को उसके साथी साबिर के साथ गिरफ्तार किया।शामली पुलिस के अनुसार, मुकीम काला को गिरफ्तार करने के बाद सहारनपुर जेल में रखा गया था। लेकिन बाद में उसे महाराजगंज जिले की जेल में और बाद में चित्रकूट जेल भेजा गया। पुलिस के अनुसार, वर्तमान में मुकीम काला पर करीब अलग-अलग थानों में करीब 61 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। मुकीम काला गिरोह का काम लूट, हत्या, डकैती और जबरन रंगदारी वसूलना है।