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Uttar Pradesh / Kanpur : आईसीयू में भर्ती करने के बाद मरीज के परिजनों से कहा जमा करो एक लाख रूपये, निजी अस्पताल का तीमारदारों के साथ इमोशनल ब्लैकमेलिंग करने का खेल जारी   

सूबे की सरकार के तमाम दिशा-निर्देशों के बावजूद निजी हाँस्पिटल अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मरीज को भर्ती करने के बाद उनके परिजनों के साथ इमोशनल ब्लैकमेलिंग करने का खेल जारी हैं। निजी हाँस्पिटल के इस खेल पर अंकुश लगाने के लिए सिस्टम भी अपने आपको असहाय महसूस करता है।          

अपनी इच्छा से मरीज को ले जाने की बात फाइल में लिखवाई 

जनपद फतेहपुर अंतर्गत पधारा गाँव की रहने वाली रन्नो देवी को सांस की तकलीफ और बुखार आने पर बहन गीता और करीबी रिश्तेदार सोहनलाल गुरुवार को कानपुर में हंसपुरम,नौबस्ता स्थित एक निजी हाँस्पिटल में लेकर पहुंचे।परिजनों के मुताबिक,निजी हाँस्पिटल ने मरीज को आईसीयू में भर्ती करने के बाद एक लाख रुपए जमा करने को कहा। इस पर मरीज के परिजनों ने आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने का हवाला दिया और इलाज करने से इंकार कर दिया। हैरत तो यह है कि,मरीज को भर्ती हुए 24 घंटे भी नहीं हुए थे लेकिन एक लाख रूपये की डिमांड जरूर कर दी। निराश परिजन शुक्रवार को गंभीर हालत में महिला को लेकर हैलट इमरजेंसी पहुंचे और इलाज शुरू कराया। महिला के परिजनों के मुताबिक,निजी हाँस्पिटल प्रशासन ने अपना बचाव करते हुए तीमारदार से खुद अपनी इच्छा से मरीज ले जाने की बात कागजात में लिखवा ली। 

वीगो हटने पर बुजुर्ग के पैर से बहता रहा खून,नहीं हुई कोई सुनवाई  

बीती 22 मई को काकादेव क्षेत्र के अंतर्गत शास्त्री नगर निवासी संजय सिंह अपने बुजुर्ग पिता भोलानाथ सिंह को कोरोना संक्रमण की चपेट में आने पर हैलट स्थित कोविड हाँस्पिटल में भर्ती कराया था। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर बुजुर्ग को दोपहर हैलट इमरजेंसी में शिफ्ट किया गया। बुजुर्ग के बेटे के मुताबिक,सुबह कोविड हाँस्पिटल में पिता के दाहिने पैर के निचले हिस्से में लगा वीगो अचानक निकल गया। इस दौरान बड़ी संख्या में उस जगह से खून बहना शुरू हो गया। जिससे उनके पिता के कपड़े खून से सन गए। बुजुर्ग के मुताबिक,उन्होंने वीगो लगाने के लिए हाथ जोड़कर डाँक्टर और नर्स से मिन्नतें की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बुजुर्ग के मुताबिक,उनके वार्ड में अव्यवस्थाओं का बोलबाला था। वहीं लक्ष्मी नगर बिल्हौर निवासी राजीव अपनी पत्नी चित्रा को पेशाब व पाखाना ना होने और सांस की दिक्क्त होने पर बिल्हौर सीएचसी पहुंचे। महिला के पति ने बताया कि,वहां पर मरीज की गंभीर हालत देख भर्ती करने के बजाय हैलट रेफर कर दिया। हैलट इमरजेंसी पहुंचने पर पत्नी को भर्ती कराया। 

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