News Cubic Studio

Truth and Reality

Uttarakhand / Haridwar : महंत शम्भुदास महाराज बने मानस मंदिर के महंत

गुरू द्वारा स्थापित सेवा परम्परा को आगे बढ़ाएंगे महंत शम्भुदास महाराज : जगद्गुरू स्वामी अयोध्याचार्य

संत शम्भुदास महाराज को सन्यास रोड़ कनखल स्थित मानस मंदिर का महंत नियुक्त किया गया है। श्री रामानन्दीय श्री वैष्णव मण्डल एवं षड़दर्शन साधु समाज  के सानिध्य में संत समाज ने तिलक चादर प्रदान कर संत शम्भुदास को महंत पद पर आसीन किया। संत शम्भुदास को महंताई प्रदान करने के साथ साकेतवासी पूर्व महंत सुन्दरदास महाराज को संत समाज द्वारा भावभीनी श्रद्यद्धांजलि अर्पित की गयी। मानस मंदिर के महंत सुन्दरदास महाराज का हाल ही में निधन हो गया था। उनके निधन से रिक्त हुए पद पर उनके शिष्य संत शम्भुदास महाराज को महंत नियुक्त किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत सुन्दरदास महाराज एक महान तपस्वी संत थे। उन्होंने कई सेवा प्रकल्प स्थापित कर मानव सेवा व सनातन धर्म के उत्थान में अतुलनीय योगदान दिया। संत समाज को आशा है कि उनके कृपापात्र शिष्य नवनियुक्त महंत शम्भुदास महाराज अपने गुरू द्वारा स्थापित सेवा परम्परा को आगे बढ़ाते हुए उनके अधूरे कार्यो को पूरा करेंगे। श्रीमहंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत सुन्दरदास महाराज त्याग व तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा में योगदान करने का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। नवनियुक्त महंत शम्भुदास महाराज को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि योग्य गुरू को सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। गुरू के दिखाए मार्ग पर चलते हुए महंत शम्भुदास महाराज गुरू परंपरांओं को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र कल्याण में योगदान करेंगे। बाबा हठयोगी व महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कि पूरा जीवन परोपकार को समर्पित करने वाले साकेतवासी महंत सुन्दरदास महाराज दिव्य संत थे। संत समाज को आशा है कि नवनियुक्त महंत शम्भुदास महाराज अपने गुरूदेव की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए संत सेवा में योगदान करेंगे। नवनियुक्त महंत शम्भुदास महाराज ने संत समाज का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साकेतवासी गुरूदेव महंत सुन्दरदास महाराज की उनकी पर सदैव विशेष कृपा रही है। गुरूदेव से प्राप्त ज्ञान व उनके द्वारा शिक्षाओं का पालन करते हुए उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्पों का विस्तार कर मानव सेवा में योगदान करेंगे और उनके अधूरे कार्यो को पूरा करेंगे। इस अवसर पर महंत राजेंद्रदास, महामण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती, महंत प्रह्लाद दास, महंत प्रेमदास, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित दास, महंत महाबीर दास, महंत शिवराम दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, साध्वी रंजना, महंत सीताराम दास, महामण्डलेश्वर महंत वृन्दावन दास, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत सूरजदास आदि सहित बड़ी संख्या में संतजन व भक्त उपस्थित रहे।

See also  Uttarakhand / Dehradun : An atmosphere of panic due to the incident of arson on Hanuman's birth anniversary in Jalalpur