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माया नगरी की माया के सम्मोहन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, अहिंदी भाषी प्रदेश में हिंदी का विज्ञापन

पब्लिक फंड के दुरुपयोग का यह एक बेशर्म नमूना उत्तराखंड के मुख्यमंत्री महोदय का है। ये अख़बार महाराष्ट्र का है, जो अंग्रेजी में छपता है। अख़बार में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री हिंदी में एक पन्ने का विज्ञापन देकर नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई दे रहा है।आखिर इस विज्ञापन का उदेश्य क्या है? कहीं माया नगरी कहलाने वाली मुम्बई के सम्मोहन में तो नही हैं उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री महोदय। कभी एक साधारण युवा के तौर पर मुम्बई प्रेम का सपना शायद आज साकार कर रहे हैं।

उत्तराखंड के करदाताओं के पैसे से मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के अख़बार में अपना फोटो चमका रहा है। कोरोना ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ रखी है। नौकरियां नहीं है लोगों की जमा पूंजी खत्म हो रही है और दूसरी तरफ उनकी पैसे से इतना बेहूदा पीआर!

आप सौ रुपये का पेट्रोल क्यों भरवाते हैं, महंगा टोल टैक्स और तमाम तरह की जीएसटी क्यों देते हैं, उन सबका जवाब एक पेज के इस विज्ञापन में छिपा हुआ है। जिन सरकारी विज्ञापनों में आम आदमी के मतलब की कोई सूचना ना हो, अदालतों को उनपर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और नेताओं को बताना चाहिए कि जो पैसे तुम उड़ा रहे हो, वह जनता की गाढ़ी कमाई का है, तुम्हारे बाप का नहीं।

माननीय मुख्यमंत्री जी, उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया के हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने पर तो आप अपने ही प्रदेश में आधे पेज का विज्ञापन जारी नहीं कर सके लेकिन उत्तराखंड के लघु, मध्यम और मझोले समाचार पत्रों का गला काट कर अहिंदी भाषी प्रदेश में हिंदी का विज्ञापन जारी करने में देर नहीं की, धन्य हैं आपके नीति निर्धारक।

रिपोर्ट- राजकुमार सिंह परिहार

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