बहुत कठिन है डगर चार धाम यात्रा की
उत्तराखंड में इन दिनों चार धाम यात्रा चल रही है। इस समय देश के कोने-कोने से श्रद्धालु उत्तराखंड के इन पवित्र चार धामों की यात्रा के लिए यहां मन में श्रद्धा का भाव लिए आते हैं देश के सुदूर कोने से जब कोई श्रद्धालु उत्तराखंड पधारता है तो वह यह उम्मीद करता है कि पूरी यात्रा के दौरान उसको और उसके परिवार को उचित सुविधाएं मिलेंगी और यह किसी भी सरकार की एक नैतिक जिम्मेदारी भी होती है कि वह इस तरह की धार्मिक यात्राओं के दौरान व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखें। इस बार की चार धाम यात्रा श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत कठिन और खतरनाक हो गई है। लगातार आ रही श्रद्धालुओं की मौत की खबर का सिलसिला थम नहीं रहा प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 47 श्रद्धालु अपनी जान गवा चुके हैं इसके अलावा अभी 1 दिन पहले रानी चट्टी से लेकर जानकी चट्टी के बीच 5000 यात्री फस गए प्रशासन की अव्यवस्था के कारण यात्रियों को बस में ही रात गुजारनी पड़ी। पूरी यात्रा के दौरान हर पड़ाव पर यात्रियों से हर वस्तु के दुगने से लेकर तीन चार गुना अधिक दाम वसूले जाने की भी खबरें प्रकाश मैं आई है। इस पवित्र यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए ऐसी स्थितियों का उत्पन्न होना वाकई में शर्म की बात है। इस तरह की अवस्थाओं का असर उत्तराखंड के पर्यटन पर पढ़ने का पूरा आसार है क्योंकि जब देश के कोने-कोने से आए यात्री इन अवस्थाओं का बखान अपने गृह क्षेत्र में जाकर करेंगे, तो कोई भी व्यक्ति उत्तराखंड आने से पहले संकोच करेगा। श्रद्धालुओं की हो रही लगातार मौतों से जहां एक तरफ पूरा देश आहत है। वही भाजपा सरकार की तरफ से बेहद शर्मनाक बयान आता है जिसकी अब चारों तरफ घोर निंदा हो रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स जी ने एक बयान में चार धाम यात्रा में अव्यवस्थाओं के चलते हो रही श्रद्धालुओं की मौत का जिम्मेदार खुद श्रद्धालुओं को बताया। अपने बयान में उन्होंने कहा कि श्रद्धालु अपनी बीमारी छुपा कर चार धाम यात्रा में मोक्ष की प्राप्ति के लिए मरने के लिए आते हैं। खुद को हिंदू धर्म का स्वघोषित ध्वजवाहक कहने वाली भारतीय जनता पार्टी पिछले साल कुंभ मेले के समय अपनी अवस्थाओं के कारण कई हिंदू श्रद्धालुओं की मौत का कारण भी बनी। जिसमें कोरोना की टेस्टिंग के आंकड़ों में घपलेबाज सामने आई। पिछले काफी समय से भारतीय जनता पार्टी कि उत्तराखंड सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ती नजर आई है। जहां एक तरफ बड़े-बड़े मंचों के माध्यम से जनता से बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं वही धरातल पर उन वादों को उतारने में भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार जनता से जुड़े कई अहम मसलों पर असफल साबित हुई है
सत्यनवेशी