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August 17, 2025

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मोदीकाल में घोटालो का अम्बार, आइये जरा नज़र तो डालिये एक बार 

“बहुत हुआ भ्रष्टाचार, अबकी बार मोदी सरकार”  इस नारे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सत्ता में आए थे पर हुआ इसका उलट ही। पहली बार किसी प्रधानमंत्री के नाम से उसके शासनकाल को जाना जाने लगा ना कि पार्टी के नाम से जैसे बीजेपी सरकार को अब मोदी सरकार के नाम से जाना जाता है। यह शासन काल इतिहास में तानाशाही काल के नाम से जाना जाने लगा है।

आइए मोदीकाल में हुए घोटालों पर एक नजर डालते हैं

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना  –   42 लाख लोगों ने फर्जी तरीके से ले लिया पीएम किसान का पैसा
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना –  11,500 करोड़ का फ्रॉड सामने आया
  • प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना –   100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप
  • प्रधानमंत्री आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1 करोड़ 28 लाख रुपये का घोटाला
  • प्रधानमंत्री उज्जवला योजना  –   लोगों के पास गैस भरवाने के पैसे नहीं हैं
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  –   किसानों के 15,795 करोड़ की लूट
  • प्रधानमंत्री जनधन योजना यह योजना विफल
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 3 महीने का राशन डकार गए डीलर
  • PM CARES FUND –  सरकारी कोष नहीं है

पीएम किसान सम्मान निधि योजना  –  42 लाख लोगों ने फर्जी तरीके से ले लिया पीएम किसान का पैसा

पीएम किसान सम्मान निधि में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। करीब 42 लाख अपात्र लोगों ने गलत तरीके से 2000-2000 रुपये की किस्त के रूप में 2,900 करोड़ रुपये उठा चुके हैं। यह जानकारी केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में एक सवाल के जवाब में दी। बता दें इस योजना के तहत केंद्र सरकार सालाना 6000 रुपये की राशि किसानों के खातों में 2000-2000 रुपये के तीन किस्तों में डायरेक्ट ट्रांसफर करती है।

राज्यफर्जी किसान
असम8,35,268
तमिलनाडु7,22,271
छत्तीसगढ़58,289
पंजाब5,62,256
बिहार52,178
उत्तर प्रदेश2,65,321

 

असम में पीएम किसान के अपात्रों से 554 करोड़, उत्तर प्रदेश से 258 करोड़, बिहार से 425 करोड़ और पंजाब से 437 करोड़ रुपये की वसूली होगी। भारत में संपन्न या अपात्र लोगों को अक्सर ऐसे लाभ मिलते हैं, जिनके वे हकदार नहीं होते हैं। सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार, अमीरों को ₹1 लाख करोड़ की सब्सिडी मिलती है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना   –   11,500 करोड़ का फ्रॉड सामने आया

पंजाब नेशनल बैंक में 11,500 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले का खुलासा होने के बाद आए दिन एक नए घोटाले के बारे में खबर आ रही है। हाल ही में कई अन्य बैंको में बड़े फ्रॉड के बाद अब जो मामला सामने आया है वो बेहद चौकाने वाला है क्योंकि ये प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से जुड़ा है। धोखाधड़ी का यह मामला पीएनबी बैंक के बाड़मेर शाखा का है। सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।

आयुष्मान भारत योजना  –   100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप

झारखंड : अब तक इस योजना के जरिए लगभग 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ है और यह घोटाला निजी अस्पतालों, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी और आयुष्मान भारत योजना के झारखंड एडिशनल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अभिषेक श्रीवास्तव की मिलीभगत से हुआ है। इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया है  कि अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना में सूचीबद्ध करने और सूची से बाहर करने के लिए अधिकारियों के द्वारा मोटी रकम की उगाही की जाती थी।नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए फंड का दुरुपयोग किया और मनचाहे अस्पतालों को करोड़ों रुपये का भुगतान नियमों के विरुद्ध जाकर किया।

उत्तराखंड : राज्य स्वास्थ्य योजना और आयुष्मान योजना के तहत इलाज पर होने वाला बकाया 100 करोड़ को पार कर गया है। दो महीने से किसी अस्पताल का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे आने वाले दिनों में मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है. राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने माना कि पिछले दो महीने से अस्पतालों का भुगतान नहीं हुआ है।

ऐसे कई मामले कई राज्यों में आए है

प्रधानमंत्री आवास योजना –   प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला

प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत पीएम हाउसिंग फंड में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है।CBI ने बुधवार को कहा कि DHFL के निदेशकों ने फर्जी होम लोन खातों के जरिये हजारों करोड़ के इस घोटाले को अंजाम दिया। CBI ने बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) से जुड़े इस घोटाले को उजागर किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना में एक करोड़ के तहत अफसरों ने 498 मकानों के कागज दिखाकर 1 करोड़ 28 लाख रुपये का घोटाला करने का मामला सामने आया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था 2022 तक सभी लोगों के सर पर अपनी छत होगी लेकिन अब प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान पर भी  बुलडोजर चलाया जा रहा है ।

प्रधानमंत्री  उज्जवला योजना  –   लोगों के पास गैस भरवाने के पैसे नहीं हैं

करीब 1 करोड़ लाभार्थी ऐसे भी हैं जिन्होंने एलपीजी कनेक्शन लेने के बाद साल में एक बार ही सिलेंडर भरा है। यह स्थिति तब है जब हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद भाजपा ने दावा किया कि बड़ी संख्या में लाभार्थियों ने उसे वोट दिया था। पिछले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर लेने वाले 90 लाख लाभार्थियों ने दोबारा सिलेंडर नहीं भरा है।

प्रधानमंत्री  फसल बीमा योजना  –   किसानों के 15,795 करोड़ की लूट

प्रधानमंत्री  फसल बीमा योजना फसल बीमा से किसानों के 15,795 करोड़ की लूट, अन्नदाताओं को नहीं कंपनियों को मुनाफा दे रहे हैं। 2016 से पहले दो सालों में किसानों में 10,560 करोड़ प्रमियम इकट्ठा हुआ था तब कंपनियों द्वारा किसानों के 28,564 करोड़ रुपये के दावे का भुगतान किया गया था।

यह इकट्ठे हुए 10,560 करोड़ के प्रमियम का दोगुना से भी अधिक है।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत साल 2016-17 और साल 2017-18 के बीच निजी और सरकारी बीमा कंपनियों ने प्रीमियम के तहत कुल 47,408 करोड़ रुपये इकट्ठा किया है. लेकिन किसानों के सिर्फ 31,613 करोड़ के दावों का ही भुगतान किया गया। यानी पिछले 2 सालों में कंपनियों के खाते में किसानों को महज़ 31,613 करोड़ का प्रीमियम भरा गया और उसके बाद भी कंपनियों के खाते में 15,795 करोड़ की राशी अभी भी मौजूद है।

प्रधानमंत्री जनधन योजना – यह योजना विफल

जनधन उपभोक्ता खाताधारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय विदेश से कानाधन लाने और सभी के खाता में 15-15 लाख रुपए देने का वादा किया था। मोदी सरकार बनने के बाद जनधन खाता खोले जाने की घोषणा होते ही लोगों में आस जगी कि कालाधन आएगा। बताया गया कि जनधन खाता नहीं खोलाने वालों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। मोदी सरकार पर भरोसा जताकर लोगों ने जनधन बैंक खाता खोलवाया था कि पैसे मिलेंगे। सरकार के पांच साल और खाता खुलने के चार साल बाद भी न तो कालाधन आया न ही सरकार ने खाता में 15-15 लाख रुपए दिया। सरोना निवासी केशरीचंद जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना धरातल पर फ्लाप है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना – 3 महीने का राशन डकार गए डीलर

अधिकारियों से मिलीभगत कर PDS डीलर गरीबों का अनाज डकार गए. लाभुकों योजना के तहत मिलने वाला तीन महीने का राशन नहीं दिया गया. राज्‍य सरकार की ओर से भी गरीब लोगों को राशन दिया जाता है।लाभुकों को केंद्र के साथ ही राज्‍य की योजना के तहत मिलने वाला अनाज भी नहीं दिया गया. अनाज नहीं मिलने पर लोगों ने इसकी शिकायत की है।

PM CARES FUND  –  सरकारी कोष नहीं है

PM Cares Fund देश का सबसे बड़ा घोटाला है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी संलिप्त है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं पूरे देश से कहा था कि वह पीएम केयर्स फंड को डोनेशन दे और सभी संस्कारी और सभी सरकारी संस्थानों में काम करने वालों की सैलरी भी काटी जा रही थी और जब सुप्रीम कोर्ट में पूछा गया कि आप पीएम केयर्स फंड का ब्यौरा दीजिए तो पीएमओ से जवाब आता है की सरकारी कोष नहीं है। इससे सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री जी गैर सरकारी संस्था के लिए फंड मांग रहे थे अगर वह सरकारी नहीं था। संवैधानिक पद पर बैठते ही यह प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि वह कोई भी गैर सरकारी फंड का संचालन नहीं कर सकते। यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है जिसमें प्रधानमंत्री खुद शामिल है।

स्वाति नेगी

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Uttarakhand / Dehradun: A heart wrenching incident has come to light from Vikasnagar in Dehradun, the capital of Uttarakhand. Where a young man killed his own mother and fled from the spot. Actually this incident is of 3rd August. Where Herbertpur police got information about a fire in a house in Rambagh area. When the police reached the spot, they found the burnt body of an old woman inside. The owner of the house, Sanjay Singh Rana, identified the body as his wife Suresho Devi alias Vandana Rana. Earlier it seemed that the woman died due to burning in the fire but the investigation revealed the case of murder. In such a situation, today the police has arrested him. Murdered mother when he did not get money for drugs The next day of the incident, the husband of the deceased, Sanjay Singh, while giving a complaint to the police, told that his son Manmohan Singh used to live with his mother. He was addicted to drugs and often used to demand money from his mother. There used to be a lot of quarrel between the two when the mother refused. The father told that Manmohan was missing from home since the incident. After which, he expressed doubt that maybe his son had committed the murder and set the room on fire. The police already suspected the son The police immediately registered a case against the son and started investigation. After which, on the night of 14 August, the police arrested Manmohan Singh from Kulhal area. During interrogation, Manmohan Singh confessed his crime. He told that he has been addicted to drugs for a long time. He has already gone to jail in drug smuggling and Arms Act cases. On the day of the incident, he had asked his mother for money for drugs. But his mother refused to give him money and also did not let him go out of the house. He fled with the money after the murder After which, Manmohan Singh, in anger, attacked his mother’s neck with a wooden stick kept in the house. Due to which she died on the spot. After the murder, Manmohan Singh wrapped the body in a mattress and set it on fire so that it appeared that the woman died due to burning. Manmohan fled on a motorcycle with 30 thousand rupees kept in the cupboard of the house and his clothes.