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अब खेल जगत में भी राजनीति

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड( BCCI) के सचिव जय शाह के एक बयान से क्रिकेट जगत में खलबली मच गई है जय शाह ने अपने बयान में कहा है कि 2023 में पाकिस्तान में होने वाले एशिया कप में भारतीय टीम शामिल नहीं होगी। इस बयान के बाद मानो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में एक भूचाल सा आ गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने एक अनाधिकृत बयान में कहा है कि अगर भारत एशिया कप में शामिल नहीं होता है जो पाकिस्तान में 2023 में होना है तो पाकिस्तान भी भारत में होने वाले एकदिवसीय क्रिकेट के विश्व कप में शामिल होने से अपने को रोक सकता है। इस खबर का एक दूसरा पहलू भी है, जय शाह भारत के गृहमंत्री अमित शाह के सुपुत्र हैं और ऐसे समय में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार के ऊपर लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू कट्टर वाद को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं ऐसे समय में जय शाह का यह बयान आना राजनीतिक तौर पर भी कई मायने रखता है । इस तरह के बयानों से भारत की छवि को गंभीर खतरा उत्पन्न होता है, कहीं ना कहीं इसका असर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर देश की छवि पर असर डालता है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो हमेशा कोशिश यही रहती है की राजनीति का असर खेलों पर ना पड़े, कई मुस्लिम देश भारत में खेलने आते हैं और कई मुस्लिम देशों में भारत खेलने जाता है यहां पर बात सिर्फ क्रिकेट की नहीं हो रही है । पिछले कुछ समय से कई मुस्लिम देशों में भारत के सामान के बहिष्कार की लगातार खबरें आई हैं। इस तरह के अपरिपक्व बयानों का असर अन्य खेलों पर भी पड़ सकता है, हो सकता है कई मुस्लिम देश भारत का अन्य खेलों में बहिष्कार कर दें। अति किसी चीज की अच्छी नहीं होती इसलिए भारत सरकार को भी अति कट्टरवाद से भी बचना चाहिए और कम से कम यह कोशिश जरूर करनी चाहिए कि खेलों को राजनीति से दूर रखा जाए वरना ऐसा ना हो कि पाकिस्तान के साथ प्रतिद्वंद्विता के चलते हम कई अन्य देशों से अपने रिश्ते खराब कर ले।

सत्यन्वेशी