News Cubic Studio

Truth and Reality

Uttar Pradesh / Gorakhpur : आटोमेटिक वाटर वेंडिंग मशीनें बनीं हाथी दांत

स्टेशन पर शुद्ध पानी के लिये मचा हाहाकार
गोरखपुर।(आरएनएस) विश्‍व के सबसे बड़े रेलवे प्‍लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ बढ़ते ही सुविधाएं ध्वस्त हो गई हैं। पीने के शुद्ध पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। एक से नौ नंबर प्लेटफार्म तक लगी आटोमेटिक वाटर वेंडिंग मशीनें (एडब्लूवीएम) शोपीस बनी हुई हैं। मशीनों को चलाने वाली कार्यदायी संस्था फरार है। इसलिए अब वह बंद हैं और गर्मी बढ़ते ही टोंटियां बूंद- बूंद टपकने लगी हैं। लोग ट्रेनों में महंगे दाम पर पानी की बोतलें खरीदने को मजबूर हैं।गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन को विश्व के सबसे बड़े प्लेटफार्म का तमगा मिला हुआ है। इसके बाद भी रेल अधिकारियों को इसकी भी चिंता नहीं है। यात्रियों को पानी मिले या न मिले, किसी को कोई मतलब नहीं है।लखनऊ मंडल में गोरखपुर जंक्शन की एक दर्जन सहित खलीलाबाद, बस्ती, गोंडा, बादशाहनगर और लखनऊ आदि रेलवे स्टेशनों पर करीब 40 मशीनें धूल फांक रहीं हैं। जानकारों का कहना है कि एक वर्ष से मशीनें बंद हैं। उन्हें चालू नहीं किया गया, तो पानी देने लायक नहीं रह जाएंगी। वर्ष 2016 से शुरू कम कीमत पर यात्रियों को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना परवान चढऩे से पहले ही धराशायी हो गई है। मशीनों से सिर्फ पांच रुपये में एक लीटर पीने का शुद्ध पानी मिल रहा था। अब 15 से 20 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। रेल अधिकारियों को स्टेशन के छवि की भी चिंता नही रह गई है।