Himachal Pradesh / Shimla : कोरोना सैंपलिंग में मंडी टॉप पर, रोजाना किए जा रहे औसतन 4500 टैस्टमुख्य सचिव ने थपथपाई पीठ
कोरोना मुक्ति के निर्णायक प्रयासों की कड़ी में प्रदेश में छेड़े गए कोरोना सैंपलिंग अभियान में मंडी जिला टॉप पर है। जिला में रोजाना औसतन 4500 टैस्ट किए जा रहे हैं, जो प्रदेश में अन्य किसी भी जिले के मुकाबले सबसे अधिक हैं। कोरोना सैंपलिंग अभियान के बेहतर संचालन के लिए मुख्य सचिव श्री अनिल खाची ने मंडी जिला प्रशासन की पूरी टीम को शाबाशी दी है।
बता दें, जिला में पिछले एक हफ्ते में 20 हजार से अधिक टैस्ट किए गए हैं। इसमें यह राहत की बात है कि कोरोना टैस्टिंग बढ़ाने के बावजूद जिला में संक्रमण दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण के फैलाव की गहनता का पता लगाने और कोरोना मुक्ति के लिए निर्णायक प्रयास करते हुए प्रदेशव्यापी कोरोना सैंपलिंग महाअभियान चलाया है। इस क्रम में मंडी जिला में भी 3 जून से 17 दिनों का विशेष अभियान छेड़ा गया है। इसमें जिला की सभी 559 पंचायतें व शहरी निकायों को कवर करने के लिए काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की 33 टीमें जिला में हरेक पंचायत और शहरी निकायोें में जाकर कोरोना की जांच कर रही हैं। हर ब्लॉक में 3-3 टीमें जांच के लिए लगाई गई हैं।
पंचायत स्तरीय कोविड प्रबंधन टास्क फोर्स निभा रहीं अहम रोल
उपायुक्त ने बताया कि सैंपलिंग महाअभियान में ग्राम पंचायत प्रधानों के नेतृत्व में बनाई गईं पंचायत स्तरीय कोविड प्रबंधन टास्क फोर्स बहुत अहम रोल निभा रही हैं। टास्क फोर्स के समर्पित प्रयासों व सहयोग से सैंपलिंग अभियान को गति देने और सुचारू संचालन में बड़ी मदद मिली है। लोगों को सैंपल देने के लिए प्रेरित करने में टास्क फोर्स काबिलेतारीफ काम कर रही हैं।
बता दें, प्रदेश सरकार ने पंचायत स्तरीय कोविड प्रबंधन टास्क फोर्स गठित की हैं। हर पंचायत में ग्राम पंचायत प्रधान की अध्यक्षता में बनी इस टीम में संबंधित पंचायत के वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव व सहायक, पटवारी, पंचायत में आने वाली पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी, आयुर्वेद विभाग के कर्मी,आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत में रहने वाले कोई शिक्षक, नेहरू युवा केंद्रों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों के सदस्य इत्यादि शामिल हैं।
संक्रमण दर में तेज गिरावट
वहीं, जिला में सैंपलिंग अभियान का जिम्मा देख रहे डॉ. अरिंदम रॉय ने बताया कि जिला में संक्रमण दर में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। रैट (रैपिड एंटीजन टैस्ट) की पॉजिटिविटि दर 2 फीसद से भी नीचे है, जबकि आरटी-पीसीआर की पॉजिटिविटि दर लगभग 4 प्रतिशत है। बता दें, पिछले महीने में मंडी जिला में संक्रमण दर एक समय तो 40 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। इस लिहाज से कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के बावजूद पॉजिटिव मामलों में कमी बहुत राहत की बात है।
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