आस्तिक हो या नास्तिक, स्वतंत्रता का अधिकार सबका
इंसान को ईश्वर/अल्लाह/God में विश्वास करने का जितना अधिकार है उतना ही अधिकार विश्वास न करने वाले इंसान को भी है।
आस्तिक को जितना अधिकार पूजा/इबादत/प्रार्थना करने का है उतना ही अधिकार नास्तिक को इनकी निंदा करने का है। निंदा करना नास्तिक की पूजा/इबादत/प्रार्थना पद्धति है।
इसी देश में बुद्ध हुए, चार्वाक हुए, पेरियार हुए लेकिन समय का कालचक्र बदला और कलबुर्गी, गौरी लंकेश आदि मारे जाने लगे।
हिन्दू कोई धर्म नहीं बल्कि भारत में रहने वाले विभिन्न समूहों की जीवन पद्धति का समुच्चय है। हिन्दू कट्टरपंथी कभी नहीं हो सकता…!!!
जो रामनवमी, हनुमान जयंती पर हथियार लेकर सड़कों पर उत्पात मचाते हैं वो हिन्दू हो ही नहीं सकते। ये समूह विशेष के कट्टरपंथियों का हिंसक संगठन है…!!!
हिन्दूओं में कबीर का सम्मान होता है, पेरियार का सम्मान होता है, फुले का सम्मान होता है, बसवा का सम्मान होता है तो नारायण गुरु का भी सम्मान होता है…!!! मूर्ति पूजा वालों का भी व मूर्ति पूजा न करने वालों का भी…!!!
Europe व West के देशों में जो कार्य 16वीं सदी में हुआ था वो कार्य बुद्ध, महावीर, चार्वाक आदि ने ईसा पूर्व छठी शताब्दी में कर दिया था लेकिन कट्टरपंथियों ने इसको सिरे नहीं चढ़ने दिया।
आज भी हिन्दू समाज संक्रमण काल से गुजर रहा है। कट्टरपंथी समूह सत्ता में होते हैं तो समाज का पतन ही होता है…!!!
इन्हीं हालातों से भारत का मुसलमान का जूझ रहा है। ख्वाजा साहब का सम्मान होता है तो चिश्ती का भी। मजारों में बुतपरस्ती है तो मस्जिदें बुतपरस्ती के खिलाफ खड़ी मिलती हैं। भारत के मुसलमानों को उदार व प्रगतिशील बनने की जरूरत है।
गरीबी, बेकारी, अत्याचार आदि पर कोई देश भारत के मुसलमानों के साथ आजतक खड़ा नहीं हुआ है। भारत के अधिकतर हिन्दू भारत के मुसलमानों के साथ हरदम खड़े रहे हैं व आगे भी रहेंगे।
भारत का जो मुसलमान ईश निंदा को लेकर आक्रोशित हो रहा है व हिंसा में हाथ आजमा रहा है वो इस बात का जरूर ख्याल रखें कि इससे पूरा समुदाय अलग-थलग होगा, अच्छे लोग किनारा कर लेंगे…!!!
कोई भी धर्म आलोचनाओं से परे नहीं होना चाहिए। धर्म जैसे-जैसे पुराना होता जाता है वैसे-वैसे पाखंड व अंधविश्वास का घेरा बढ़ता जाता है। धर्म तभी बचेगा जब आलोचनाओं द्वारा धर्म के इर्द-गिर्द जमती इस गंदगी की सफाई होती रहेगी।
धार्मिक भावनाओं, आस्थाओं को ठेस पहुंचने वाले रास्ते को बंद करना ही इंसानियत के लिए उचित रास्ता है…!!!
पाहन पूजे हरि मिले, तो मैं पूजूं पहार !
ताते चाकी भली जो पीस खाए संसार !!
कांकर पाथर जोरि कै मस्जिद लेई बनाय !
ता चढि मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाय !!
-कबीर
आदित्य राज