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Uttar Pradesh / Kanpur : सीएम के नाराज होने के बाद भी हैलट के डॉक्टरों की मनमानी जारी   इलाज की आस लेकर आये मरीजों को टरकाया

सीएम के नाराज होने के बाद भी हैलट के डॉक्टर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। रविवार को भी हैलट इमरजेंसी में मरीजों को खूब टरकाया और इलाज में जमकर लापरवाही की गई। सफीपुर उन्नाव के रहने वाले सुरेश चंद्र को सीने में दर्द,सांस लेने में दर्द और बुखार की शिकायत है। बेटा प्रशांत पिता का इलाज कराने हैलट इमरजेंसी लेकर आया, जहां से डॉक्टरों ने दिल की बीमारी बता कार्डियोलॉजी रेफर कर दिया। परिजनों ने बताया कि कार्डियोलॉजी से मुरारी लाल चेस्ट और चेस्ट हॉस्पिटल से फिर हैलच रेफर कर दिया। जब परिजन दोबारा अपने मरीज को लेकर हैलट पहुंचे तो वहां भी भर्ती नहीं किया गया। डॉक्टरों के रवैये से परेशान परिजन मरीज को लेकर चले गए। जहां पिछले एक सप्ताह से सीएम के आगमन को ध्यान में रखते हुए अधिकारी अलर्ट मोड में दिख रहे थे। तो वहीं सीएम के जाने के बाद रोज की तरह ही हालात हो गए। जो अधिकारी अस्पताल परिसर में दिख रहे थे। वह भी अपने एसी केबिन में बैठकर आराम फरमाते रहे।

भर्ती होने में 20 मिनट इंतजार,स्ट्रेचर पर तड़पा मरीज

कंजहरी,कानपुर देहात निवासी बुजुर्ग सोनेलाल को बुखार और फेफड़ों में संक्रमण है। मंधना के एक निजी अस्पताल में हालत बिगड़ने पर परिजन हैलट लेकर आए। बेटा भूरा पिता के इलाज के लिए फाइल वगैरह बनवाता रहा। कागजी कार्यवाही के दौरान लगभग 20 मिनट तक बुजुर्ग मरीज इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर पर तड़पता रहा। भर्ती करने की बात पर डॉक्टर बोले की पहले फाइल बनवा लो फिर भर्ती कर लेंगे।

निजी अस्पताल ने बनाया 30 हजार का बिल

बेटा बोला साहब निजी अस्पताल वाले बहुत पैसा मांग रहे हैं। दो दिन में इलाज तो कुछ नहीं किया लेकिन तीस हजार का बिल जरूर बना दिया। रविवार को हैलट इमरजेंसी पहुंचे बढ़ी अलीपुर बिल्हौर निवासी विजय पाल ने निजी अस्पतालों की मनमानी की दास्तान बताई। इनके 83 वर्षीय बुजुर्ग पिता छोटे लाल को बुखार और सांस लेने में तकलीफ है। बारासिरोही स्थित एक निजी अस्पताल की लूट से परेशान होकर यह अपने पिता को हैलट लेकर आए। यहां डॉक्टरों इनके पिता का इलाज शुरु किया।

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