News Cubic Studio

Truth and Reality

नाइजीरिया में गंगा, भारत में सब चंगा

वहां इस्राइल और फिलिस्तीन क्षेत्रफल विस्तार की जंग में लगे रहे और यहां बयानों के गोला-बारूद ने बैठे ठाले ही हमारा भूगोल बदल दिया। बड़े पर्दे पर नकली घोड़े पर टिक-टिक-टिक करने वाली अदाकारा ने अपनी अद्भुत मेधा की नयी बानगी प्रस्तुत की है। इसे वाई श्रेणी सुरक्षा के दुष्प्रभाव माने या नेताओं के अभिनय कला में पारंगत हो जाने के चलते पर्दे के कलाकारों का राजनीति की गलियों में प्रवेश, कुछ भी कहना मुनासिब न होगा। फिलहाल तो खबरों के बाजार में गंगा में बहती लाशें नाइजीरिया की बताये जाने पर भारत अपनी जियोग्राफी अपडेट करने में जुट गया है। कवि सम्मेलनों के मंच पर वीर रस के कवि कितनी ही बार पाकिस्तान, चीन के भूगोल को बदलते रहे हैं, मगर यहां तो मामला एकदम ही उलट है। उनके एक बयान से गंगा किनारे कानपुर वाले अवस्थी जी की पहचान कानपुर वाले से नाइजीरिया वाले अवस्थी जी की हो गई है। अब से गंगा के दो रूप कर दिए गए हैं, जो गंगा बुलाती है वह भारत की है और जिसमें शव तैरते हैं, वह नाइजीरिया की है।
यहां इतिहासकार, भूगोलवेत्ताओं के साथ अपना आत्मपरीक्षण करने में लगे हैं। आखिर उनके ज्ञान में क्या कमी रह गई जो यह बात एक अभिनेत्री को बतानी पड़ी। कल तक तो पहले की सरकार ही जिम्मेदार होती थी मगर अब से दूसरा देश भी जिम्मेदारी अपने सिर ढो रहा है। जीते जी भारत में वोट देने वालों को मरने के बाद नाइजीरिया की नागरिकता दी जा रही है। आखिरकार मुफ्त अंतिम संस्कार के वादे भी चुनावी घोषणापत्र साबित हुए है। ये लाशें इसलिए नहीं बही कि इनसान मरा बल्कि जिम्मेदारी मरी, इसलिए लाशें बही। गंगा अपने आंसू पोंछ पाती, इससे पहले ही उसके पते-ठिकाने में परिवर्तन कर दिया गया। इस बात से सिस्टम खुश है कि जिस बात का जवाब उसे देना था, वह किसी और ने उससे बेहतर दे दिया है।

See also  Huge crowd of devotees in Chardham!

वैसे यूपी, बिहार के लड़के प्रेम में दिल टूटने पर आईएएस बनते हैं जबकि मुंबई की यह हीरोइन ऑफिस के टूटने पर राजनीति का मोहरा बन गई है। कोरोना की जंग में लगे भारत के आम-खास वर्ग के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए इनका एक बयान ही काफी है। कभी न कभी गंगा में डुबकी लगाकर लौटे लोग अब मान सकते हैं कि वे बिना वीजा विदेश यात्रा कर आये हैं। यूपीएससी में अपने अंतिम प्रयास में असफल हुए अभ्यर्थी को भी अपनी गलती समझ आ गई है। उसे यह तक नहीं पता कि गंगा नाइजीरिया में बहती है और कलेक्टर बनने निकला था। गोविंदा की फिल्म ‘जिस देश में गंगा रहती है के निर्माता भी आजकल में ही स्पष्ट कर सकते है कि इसमें देश का मतलब नाइजीरिया से था।

यदि गंगा में तैरती लाशें नाइजीरिया की हैं तो इस हिसाब से ऑक्सीजन की कमी लक्जमबर्ग की है, रेमडेसिविर की मांग सिंगापुर की है, वैक्सीन स्लॉट में दिक्कत आयरलैंड की है और भारत में तो बस अच्छे दिन हैं।

सौरभ जैन