News Cubic Studio

Truth and Reality

Uttar Pradesh / Kanpur : लाखों का बनाया बिल,एक रेमडेसिवीर इंजेक्शन के 55 हजार वसूलने का आरोप

सीएम से लेकर आलाधिकारियों तक लगाई गुहार,नहीं हुई कोई सुनवाई 

कोरोना जैसी आपदा को कुछ निजी अस्पतालों ने कमाई का जरिया बना लिया है। मरीजों  से अंधाधुंध वसूली की,रोगियों को जो बिल थमाए जा रहे हैं,वो वसूले गए रुपये से कई गुना कम है। इस महामारी में प्राइवेट कोविड अस्पताल संक्रमितों से लाखों रुपयों की अवैध वसूली करने का एक  मामला सामने आया है।शनिवार को अशोक नगर स्थित कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में किदवईनगर निवासी अतुल देव ने बताया की उनकी माँ गीता गुप्ता ने वैक्सीन लगवायी थी,जिसके बाद उनको हल्का बुखार आया और उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो गया। इसके बाद ग्वालटोली थाना क्षेत्र स्थित तुलसी हास्पिटल में डा.आंचल कपूर को दिखाया तो उन्होंने माता जी को लंग्स इंफेक्शन बताकर तुलसी आस्पिटल में एडमिट करवा दिया। इसके दो दिन बाद 23 अप्रैल को महिला डाँक्टर ने माँ की स्थिति खराब बताकर हॉस्पिटल के आईसीयू में शिफ्ट कर दिया और रेमडेसिवीर इंजेक्शन की तत्काल व्यवस्था करने को कहकर हास्पिटल के सीएमडी के पुत्र से मिलने को कहा। पीड़ित ने बताया कि जब वो सीएमडी से मिले तो उन्होंने रेमेडिसिवीर इंजेक्शन 55000 रूपये प्रति इंजेक्शन के हिसाब से देने को कहा। मजबूरी में अतुल देव ने 6 रेमेडीसिवर इंजेक्शन तीन लाख तीस हजार में खरीदे जिसका भुगतान दो लाख चौतीस हजार रूपये नगद व 96 हजार एकाउण्ट में ट्रांसफर दिनांक 24 अप्रैल को किया। इसके बाद हाँस्पिटल में उन्होंने प्रति सप्ताह 2 लाख 80 हजार एडवान्स जमा कराया। पीड़ित ने बताया कि 26 दिन में करीब 19 लाख 20 हजार रूपये उनसे दवा,इंजेक्शन,अस्पताल का बिल,लैब टेस्ट के नाम पर ठग लिए गए। उसके बावजूद पीड़ित की माँ का सही से उपचार नहीं किया गया,जिसके चलते 17 मई को उनकी मृत्यु हो गयी। 

See also  Delhi / Pahadganj : Robbers who robbed jewelery worth crores caught for tea worth Rs 10, 3 arrested

इंजेक्शन की काला बाजारी व इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप

पीड़ित का आरोप है कि,हाँस्पिटल के संचालक व वहां के जिम्मेदारों ने रेमेडीसिवर इंजेक्शन की काला बाजारी की साथ इलाज में लापरवाही के चलते उनकी माँ की मौत हो गई। पीड़ित ने बताया कि,थाना ग्वालटोली,पुलिस कमिश्नर,डीएम और एसीएम 5 से मिलकर एवं डीजीपी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगायी। लेकिन आज तक अस्पताल प्रबंधक और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ न तो मुकदमा दर्ज किया गया न ही कोई कार्यवाही की गई।