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सम्राट पृथ्वीराज को प्रचारतंत्र भी नहीं बचा पाया

आजकल मोदी जी और उनके समर्थकों के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। जिस काम को हाथ लगा रहे हैं वहीं पर मुंह की खानी पढ़ रही है। अगर उनके खास 2 समर्थकों की बात की जाए तो आजकल वह यही कह रहे हैं कि हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था मेरी कश्ती वहां डूबी है जहां पानी कम था। यह पंक्तियां हमने सैकड़ों बार सुनी है और हर बार यह आपने को चरितार्थ करती है और यही बात अक्षय कुमार और कंगना रनौत जैसे उन बॉलीवुड कलाकारों के लिए भी चरितार्थ होती है जो आजकल सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की गोद में जाकर बैठे हुए प्रतीत होते हैं।

इन लोगों को शायद लगता है की इनकी फिल्में कोई और देखे ना देखे अगर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही देख लेंगे तो भी उनकी फिल्म हिट होने से कोई नहीं रोक सकता और दूसरा कि बीजेपी का प्रचार तंत्र इतना मजबूत है कि घटिया से घटिया फिल्म भी हिट करा देगा परंतु हकीकत यह है कि जो हाल भाजपा की स्टार प्रचारक और समर्थक कंगना रनौत की फिल्म धाकड़ का हुआ उससे भी बुरा हाल अक्षय कुमार की सम्राट पृथ्वीराज चौहान का हुआ। दोनों ही फिल्में बड़े बजट की होने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर फिसड्डी साबित हुई।

गृह मंत्री अमित शाह ने फिल्म सम्राट पृथ्वीराज की स्पेशल स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया। स्क्रीनिंग के दौरान शाह ने पीरियड ड्रामा के कलाकारों और क्रू की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि 13 साल बाद वो अपने परिवार के साथ थिएटर में फिल्म देखने आए थे।

सम्राट पृथ्वीराज को तो भाजपा शासित राज्य में टैक्स फ्री भी किया गया है। यही नहीं भाजपा के लगभग सभी बड़े नेताओं जैसी  योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, पुष्कर सिंह धामी ने इस फिल्म के लिए ट्विटर पर भी ट्वीट किए। इसके बावजूद भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर पड़ी।

जिस तरह से फिल्म में इतिहास के साथ खिलवाड़ किया गया है उससे भी दर्शक काफी नाराज नजर आए। अक्षय कुमार और कंगना रनौत जो एक समय पूरे देश के कलाकार थे। वह आज अपने स्वयं के अति स्वार्थ के कारण आज महज एक राजनीतिक पार्टी के कठपुतली मात्र बनकर रह गए हैं।

सत्यनवेशी