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Uttarakhand / Bageshwar : कांग्रेस में गजब की राजनीति- सोशल मीडिया में एक दर्जन से अधिक इस्तीफ़े, अधिकारिक तौर पर मिला सिर्फ एक

हालिया विधानसभा चुनावों में बागेश्वर विधानसभा की दोनो सीटों में करारी शिकस्त का सामना करने के बाद चुनावी मैदान में चित कांग्रेस इंटरनेट मीडिया में एक बार फिर हिट नजर आ रही है जहां यूजर कर रहे तरह-तरह के कमेंट। जिसके चलते बड़ सकती हैं जनपद में कांग्रेस की सम्भावनाओं पर मुश्किल। अभी जहां पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इन राज्यों के चुनावी मैदान में भले ही वह चारों खाने चित हो गई है, लेकिन इंटरनेट मीडिया में वह हिट है। कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह को लेकर यूजर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं और जमकर उनका मजाक उड़ा रहे हैं।

जहां एक तरफ उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है, वहीं पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावत ने कहा कि मैंने हार की जिम्मेदारी ली है। इसका सीधा असर बागेश्वर जिले की दोनो विधानसभाओं की करारी हार के बाद भी नजर आ रहा है। जहां जिले के छोटे बड़े एक दर्जन से अधिक पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस्तीफ़ा दिया है। वहीं आजकल कांग्रेस व कांग्रेस के पदाधिकारी सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बने हुए हैं। जो बागेश्वर के लोगों के लिए अच्छा ख़ासा मनोरंजन का विषय बने हुए हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि जहां कांग्रेस उत्तराखंड में सरकार बनाने को लेकर उत्साहित थी, वहीं बड़े नेताओं की अंदरूनी गुटबाज़ी के चलते भी पार्टी सत्ता में आने से चूक गयी।

विधानसभा चुनावों में बागेश्वर जिले की दोनों सीटों (बागेश्वर व कपकोट) पर मिली करारी हार के बाद उत्तराखण्ड कांग्रेस की रार खुल कर सामने आने लगी है। इस हार के लिये एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने के साथ ही आरोपों के छींटे पार्टी के बड़े नेताओं के दामन तक जा पहुंचे हैं। विधानसभा चुनाव में बागेश्वर की दोनो सीटों पर करारी हार के बाद कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। हार का ठीकरा एक-दूसरे के सिर फोड़ने के लिए लगातार बयानबाजी कांग्रेस में जारी है। वहीं सूत्रों के हवाले से कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी को हार का मुख्य कारण करार दिया।

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भविष्य की रणनीति तैयार करें: गीता
कांग्रेस महिला जिला अध्यक्ष गीता रावल ने आरोप-प्रत्यारोपों के बीच का रास्ता निकालते हुए कहा कि यह समय कांग्रेस नेताओं को एक-दूसरे पर हार का जिम्मेदार ठहराने के बजाय इससे सबक लेकर भविष्य की रणनीति तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में बहुत जीत-हार देखी हैं। इस बार कई गलतियां हुई हैं, हम समझ नहीं सके, लोग बदलाव चाहते थे और सिस्टम से तंग आ चुके थे। परन्तु हम लोगों के बीच कांग्रेस के विचारों को पहुँचाने में कामयाब नही हो पाये। जिसका हमें सबक लेना होगा, तभी हम लोग आगे संघर्ष कर पायेंगे। वहीं जिले में लगातार बढ़ते इस्तीफ़ों पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पहले सभी कांग्रेस परिवार के साथियों को अपनी भावनाओं पर एक बार पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैं सभी कांग्रेसजनों की भावनाओं का सम्मान करती हूँ। निश्चित रूप से परिणाम के बाद सभी कांग्रेसजन आहत हैं, परन्तु आज सर्वप्रथम हम सभी पदाधिकारियों को मिलकर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना चाहिए। आज कांग्रेस संगठन को आप सभी की समान आवश्यकता है।

ब्लॉक अध्यक्ष दुग नाकुरी के अलावा किसी का इस्तीफ़ा नही आया है- लोकमणी
कांग्रेस के ज़िलाध्यक्ष लोकमणी पाठक ने बताया कि अभी तक उन्हें केवल ब्लॉक अध्यक्ष दुग नाकुरी सुन्दर मेहरा का विधानसभा की हार के बाद नैतिकता के आधार पर संगठन में अपने पद से इस्तीफ़ा प्राप्त हुआ है। जब कोई कार्यकर्ता मन से अपने नेता को चुनाव लड़ाता है तो जब वह चुनाव हारता है तो निश्चित तौर पर उसका मनोबल टूटता है। मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूँ। बांकी आये दिन सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना आ रही है कि फलाने ने आज इस्तीफ़ा दिया है, परन्तु संगठन प्रमुख होने के नाते अभी मुझे किसी अन्य व्यक्ति का इस्तीफ़ा नही मिला है। मेरा आपके माध्यम से सभी कांग्रेस के साथियों से कहना है कि इस प्रकार सोशल मीडिया पर किसी तरह का कोई बयान प्रेषित न करें, जिससे संगठन की गरिमा बने रहे। संगठन के मंच पर आपकी बात सुनी जायेगी, संयम बना कर रखें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से हम जिला मुख्यालय पर अवश्य अपनी राजनीति चमका सकते हैं, परन्तु इससे कार्यकर्ता मायूस होता है, उसका मनोबल टूटता है। आज हमें कार्यकर्ता सम्भालने की जरुरत है। इस विषय पर हम सभी को सोचना होगा, जब कार्यकर्ता है तभी नेता है। कार्यकर्ताओं को हिम्मत दिलानी होगी न कि उनका मनोबल तोड़ना।

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हार के बाद सोशल मीडिया के जरिए अपना इस्तीफ़ा देने वाले कांग्रेसी-
1- धीरज कोरंगा, नगर अध्यक्ष
2- कवि जोशी, ज़िलाध्यक्ष युवा कांग्रेस
3- अंकुर उपाध्याय, प्रदेश प्रवक्ता युवा कांग्रेस
4- बलवन्त सिंह नेगी, जिला महासचिव
5- गोपा धपोला, जिला महासचिव
6- सुनीता टम्टा, जिला अध्यक्ष सेवादल महिला
7- राजेन्द्र राठौर, जिला उपाध्यक्ष
8- दीप काण्डपाल, ब्लॉक अध्यक्ष काण्डा
9- विरेंद्र नगरकोटी, जिला अध्यक्ष सेवादल
10- सुन्दर मेहरा, ब्लॉक अध्यक्ष दुग नाकुरी
11- लक्ष्मण आर्या, ब्लॉक अध्यक्ष गरुड़
12- नीतू आर्या, कांग्रेस कार्यकर्ता
13- मुन्नी मेहता, ब्लॉक अध्यक्ष बागेश्वर महिला
14- हरीश साह, नगर उपाध्यक्ष
15- बाली राम, नगर उपाध्यक्ष
16- भूपेश खेतवाल, ब्लॉक अध्यक्ष बागेश्वर
17- कुन्दन गोश्वामी, नगर उपाध्यक्ष
18- पुष्पा कोरंगा, ब्लॉक अध्यक्ष गरुड़ महिला

राजकुमार सिंह परिहार