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जिंदगी जीने का मूल मंत्र ग्रहण करें एवं खुश रहें

– स्मृति

एक कमाल का तथ्य है कि जिस दिन आपकी मृत्यु हो जाती है उस पल से आपकी पहचान बस एकमात्र “बॉडी” शब्द से की जाती है । सुना ही होगा आप सभी ने गीता का ज्ञान को कि शरीर नश्वर है, इस पर घमंड बेकार । तो मृत्यु के बाद कुछ इसी प्रकार घमंड नजर नहीं आता हैं जब एक इंसान की पहचान उसके पैसे से नहीं कर्म से की जाती है ।

अरे

“शरीर” लेकर आइये,

“शरीर ” को उठाइये,

“शरीर” को सुलाइये

ऐसे शब्दो से आपको पुकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नहीं पुकारते ,जिन्हे प्रभावित करने के लिये आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी थी। इसीलिए इधर उधर में ज्यादा समय ना गवाइए बस जो करिए उसमे अपना सौ प्रतिशत देने का प्रयत्न कीजिए और उतनी मेहनत कीजिए जिससे समय निकालकर शाम को सोफे पे बैठ के अपने परिवार को उनके हक़ का समय जरूर दे पाए। दो पल उनके लिए भी रखिए क्योंकि उन्हें आपको और आपकी थकान भरे जीवन को उस कुछ पल की खुशी की आश्यकता है।

हर वक्त जरूरी नहीं की काम से सम्बन्धित ही बाते हो, इसलिए हमेशा काम की बात व काम करने की जरूरत नहीं है। अच्छे से कमाओ, अच्छे से खाओ, और अच्छे से आराम करो। जीवन मे आने वाले हर चुनौती के लिए तत्पर रहो । जरूरत से उपर बढ़कर अपनी पसंद की चीजों के लिये खर्च करना भी शुरू कीजिए क्योंकि मृत्यु के बाद आपकी पसंद नापसंद सिर्फ एक याद बनकर रह जायेगी वो भी कुछ पल के लिए। मेरे अनुसार तो इतना हंसिये कि हंसते हंसते पेट दर्द हो जाये। आप कितना भी बुरा नाचते हो , फिर भी नाचिये। उस खुशी को महसूस कीजिये। फोटोज के लिये पागलों वाले पोज दीजिये। बिलकुल छोटे बच्चे बन जाइये। क्योंकि मैने कही  सुना था कि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है। लॉस तो वो है  अगर आप जिंदा होकर भी अपने अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म कर चुके है। हर पल को खुशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।

जिंदगी बहुत छोटी है इसके हर पल में खुश रहिए , काम व आराम दोनों में बस खुशी का अनुभव कीजिए। वो कहते है ना पनीर ना मिले तो दाल में खुश रहना , गाड़ी ना मिले तो थोड़ा पैदल चल लेना। दोस्तो का साथ जरूरी है पर कभी खुशी खुद के साथ में भी ढूंढिए। खुशी तो हर पल में है जरूरत है उसे देखने की। जब दूर बैठे किसी करीबी से वीडियो कॉल या फोन पर काफी समय बाद बात होती है केसे एक पल में जो पास नहीं उसकी कल्पना हम कर लेते हैं। बीते हुए कल के साथ की हर उस सोच में खुश हो जाते हैं, किसी शायर ने इसी पर क्या खूब कहा है-

“बीता हुआ कल जा चुका है,” उसकी मीठी याद में ही खुश हूँ

“आने वाले कल का पता नहीं,” इंतजार में ही खुश हूँ

“हंसता हुआ बीत रहा है पल,” आज में ही खुश हूँ

“जिंदगी है छोटी,” हर पल में खुश हूँ

अगर दिल को छुआ, तो जवाब देना,

वरना मै तो बिना जवाब के भी खुश हूँ..!!